खतौली। केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर विभाग जीएसटी द्वारा फर्जी ट्रेडर्स कंपनियों को दबोचने के लिए चलाए जा रहे इंडिया ड्राइव अभियान के अंतर्गत सीजीएसटी टीम ने कस्बे के दो ट्रेडर्स के पंजीकरण निरस्त करके इनके द्वारा किए गए फ्रॉड की जांच तेज़ कर दी है।
लाख सख्ती के बावजूद जीएसटी में फर्जी फर्म एवं कंपनी बनाकर अवैध रूप से बिल जारी करने का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। बीते दिनों थाना रतनपुरी क्षेत्र के गांव बडसू और हुसैनाबाद भनवाड़ा में जीएसटी चोरी का बड़ा फर्जीवाड़ा पकड़े जाने के बाद अब खतौली कस्बे के मोहल्ला नई आबादी और बालकराम के पतों पर रजिस्टर्ड कराई गई दो फर्जी फर्म पकड़ में आई है।
इनमें से एक कंपनी ने छह करोड़ रुपये के बिल जारी कर रखे हैं, जिनके माध्यम से लाखों रुपये की जीएसटी चोरी का खेल किया गया है। दोनों फर्म का पंजीकरण निरस्त करके विभाग ने अपनी जांच तेज़ कर दी है।
बताया गया कि केंद्रीय वस्तु एवं सेवाकर (सीजीएसटी) विभाग ने इंडिया ड्राइव अभियान चला रखा है, जिसके माध्यम से केंद्रीय पोर्टल पर पंजीकृत जीएसटी फर्म एवं कंपनी की जांच की जा रही है। बताया गया कि पोर्टल पर सेवन आर ट्रेडर्स और जीएन ट्रेडर्स को लेकर छानबीन की गई तो छानबीन में इनके मोबाईल नंबर और पते फर्जी पाए गए हैं। धरातल पर दोनों ट्रेडर्स कंपनी का वजूद नहीं मिला है।
नई आबादी स्थित सेवन आर ट्रेडर्स के लिए जीएसटी लाइसेंस डेढ़ वर्ष पूर्व लिया गया था। खतौली के मोहल्ला नई आबादी के पते पर रजिस्टर्ड कराई गई आरिफ मलिक के स्वामित्व वाली सेवन आर ट्रेडर्स कंपनी ने लगभग छह करोड़ रुपये से अधिक के बिल जारी कर रखे हैं, इनके माध्यम से 80 लाख रुपये से अधिक रुपये की जीएसटी चोरी का खेल किया गया है, इसके अलावा मोहल्ला बालकराम का पता दर्शाकर जीएसटी लाइसेंस लेने वाली जीएन ट्रेडर्स भी फर्जी निकली है।
जांच पड़ताल करने पर दोनों ही कंपनियों का कोई वजूद मौके पर नहीं मिला है, इस कंपनी के लिए पोर्टल पर अपडेट किए गए अलग-अलग पतों की जांच की जा रही है। बताया गया कि विभाग द्वारा सेवन आर ट्रेडर्स के स्वामी आरिफ मलिक को नोटिस जारी किया गया था, लेकिन वह पत्रावलियां लेकर विभाग के समक्ष प्रस्तुत नहीं हुआ, जिसके चलते जांचोपरांत दोनों फर्म का पंजीकरण निरस्त कर दिया गया है।