मेरठ। एमबीबीएस/बीएएमएस की फर्जी डिग्री बनाकर ठगी करने वाले गिरोह के दो शातिर अभियुक्तों को आज गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार अभियुक्तों के पास से फर्जी डिग्री बनाने के उपकरण व डिजिटल साक्ष्य बरामद किए गए हैं। गिरफ्तार अभियुक्तों के नाम बिलाल और सूरज प्रकाश हैं।
जिला पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि 27 मार्च को अर्पित जैन पुत्र मुकेश जैन निवासी भाटवाडा कस्बा व थाना सरधना मेरठ द्वारा अपनी भतीजी को रोमानिया मे एमबीबीएस कराने के नाम पर 5,80,000/- रूपये धोखाधडी से लेकर वापस ना करना व कुटरचित करके फर्जी सर्टिफिकेट तैयार करके के सम्बंध में थाना सरधना पर सूरज प्रकाश निवासी विजयनगर गाजियाबाद के विरूद्ध धारा 318(4)/316(2)/338/336(3)/340(2) पंजीक़त कराया था। घटना के खुलासे के लिए थाना सरधना प्रभारी निरीक्षक प्रताप सिंह,निरीक्षक अरविन्द सिंह व देहात स्वाट टीम प्रभारी सुमन कुमार सिंह की अगुवाई में एक टीम गठित की गई। विवेचना से अभियुक्त सूरज प्रकाश के कब्जे से चौधरी चरण सिंह मेरठ यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस की माईग्रेशन सर्टिफिकेट, अंक तालिक एवं डिग्री अयाज नफीस पुत्र नफीस अहमद के नाम से जारी की गयी थी जो जाँच से फर्जी पायी गयी थी। जाँच से अभियुक्त के बरामद मोबाईल से अन्य ऐसे विद्यार्थियो का डाटा भी मिला है। जिनको फर्जी डिग्रियां प्रदान किये जाने के साक्ष्य मौजूद हैं।
अभियुक्त के बयान एंव उपलब्ध डिजिटल साक्ष्य से एक अन्य अभियुक्त जिसका नाम विलाल निवासी जौनपुर जनपद है। जिसने अपने फर्जी नाम ब्रजेश कुमार के नाम से लोगो को आईडी, व्हाटसएप आदि के माध्यम से धोखाधडी देकर फर्जी डिग्री के कार्य में लगा हुआ था। उसको गिरफ्तार करने पर तीन मोबाईल,एक लैपटाप बरामद हुआ। जिसके अवलोकन से उसके मोबाईल / लैपटाप में देश की करीब 15 यूनिवर्सिटीयो का विवरण सम्पूर्ण डाटा जो अलग अलग राज्यो में स्थित है मिला है।
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जिससे भारत के अलग-अलग राज्यों के विद्याथियों को फर्जी डिग्री अलग-अलग यूनिवर्सिटियों के नाम से बनवाकर बांटा जा रहा था और इसके एवंज में प्रत्येक डिग्री पर मोटी धनराशि करीब 10 से 15 लाख रूपये वसूल किये जाते थे। यह भी पता चला है कि अभियुक्तों द्वारा नये विद्यार्थी को अपनी वेबसाईट बनाकर आनलाईन सर्च करने वाले विद्याथियो को झांसे में लेकर फसाया जाता था। एक अन्य व्यक्ति जिसका नाम अभिषेक यादव है का नाम भी प्रकाश में आया है। विवेचना लगातार जारी है।