Tuesday, September 17, 2024

यूपी में पुलिस मुठभेड़ों पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई टाली, पहले 183 मामलों में मांगी थी रिपोर्ट

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को उत्तर प्रदेश में हो रही पुलिस की अपराधियों से मुठभेड़ों की स्वतंत्र जांच की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई स्थगित कर दी।

न्यायमूर्ति एस.के. कौल की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह कहते हुए मामले की सुनवाई नहीं करने का फैसला किया कि वह इसके बजाय अन्य मामलों की सुनवाई करेंगे, जिनमें फैसला जल्‍द सुनाया जा सकता है।

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

जस्टिस कौल इस साल 25 दिसंबर को सेवानिवृत्त होने वाले हैं।

पिछली सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने उत्तर प्रदेश पुलिस से उन सभी 183 मामलों की जांच या मुकदमे की प्रगति के बारे में अद्यतन स्थिति रिपोर्ट मांगी थी, जहां अपराधियों को कथित फर्जी मुठभेड़ों में मार गिराया गया था।

शीर्ष अदालत ने कहा था, “केवल इन हाई प्रोफाइल मामलों (जैसे अतीक अहमद, विकास दुबे आदि) में ही नहीं, ऐसे अपराध भी हैं जो जेलों में वारदात करते हैं। यह चिंताजनक है कि जेलों में ऐसा क्यों होता है। इसमें एक सांठगांठ है।”

अप्रैल में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को अतीक और उसके भाई अशरफ अहमद की हत्या के मामलों में शुरू की गई जांच सहित उठाए गए कदमों को रिकॉर्ड में लाने का निर्देश दिया था।

वकील विशाल तिवारी ने एक स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति की मांग करते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया और 2017 के बाद से उत्तर प्रदेश में हुई सभी मुठभेड़ों की जांच की भी मांग की – जिस साल योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार राज्य में सत्ता में आई थी।

मारे गए गैंगस्टर अतीक और अशरफ की बहन आयशा नूरी ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर अपने परिवार के सदस्यों की “हिरासत में और न्यायेतर” हत्याओं की शीर्ष अदालत के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता वाले आयोग द्वारा व्यापक जांच की मांग की है।

Related Articles

STAY CONNECTED

74,334FansLike
5,410FollowersFollow
107,418SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय