प्रयागराज। बस्ती में राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण के लिए अधिग्रहित भूमि का मुआवजा किसानों को नहीं देने पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एनएचएआई (राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक से जवाब मांगा है।
कोर्ट ने कहा कि हलफनामा दाखिल कर बताएं मुआवजा निर्धारित होने के बाद राशि लम्बे समय तक स्वीकृत क्यों नहीं की गई। सक्षम प्राधिकारी को राशि अभी तक हस्तांतरित क्यों नहीं की गई। यह आदेश न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता व न्यायमूर्ति अनीश कुमार गुप्ता ने शिव पाल सिंह और 17 अन्य किसानों की याचिका पर दिया है।
बस्ती के ग्राम महरीपुर में राष्ट्रीय राजमार्ग 233 बनाया जा रहा है। इसमें कई किसानों की जमीन अधिग्रहीत की गई है। मुआवजा 25 मार्च 2022 को घोषित हुआ लेकिन आज तक एनएचएआई ने मुआवजा राशि सक्षम प्राधिकारी के खाते में स्थानांतरित नहीं किया है। ऐसे में अभी तक किसानों को मुआवजा नहीं मिला है। किसानों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर मुआवजे की मांग की।
एनएचएआई के वकील ने स्वीकार किया कि स्वीकृत मुआवजा राशि अभी तक सक्षम प्राधिकार को उपलब्ध नहीं कराई गयी है। इसके लिए उन्होंने कोर्ट से और समय देने की प्रार्थना की।