मुजफ्फरनगर । यूपी के मुजफ्फरनगर में जिला गन्ना अधिकारी के कार्यालय पर भारतीय किसान यूनियन के किसानों की मांगों को लेकर धरना-प्रदर्शन जारी है। यह अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन सोमवार को शुरू हुआ था।
पिछले 5 दिन से जिला गन्ना अधिकारी कार्यालय पर बकाया गन्ना भुगतान व गन्ने की विभिन्न समस्याओं को लेकर भारतीय किसान यूनियन द्वारा चलाए जा रहे धरने के बीच पहुंचे भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने अपने पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को एकजुट रहने की सलाह देते हुए कहा कि भाकियू संगठन में कुछ लोग हमारे लोगों को तोडऩे के लिए घुस चुके हैं, संभल कर रहो।
भाकियू प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने चेतावनी देते हुए कहा कि पिछले सत्र का बकाया भुगतान नहीं होने पर शुगर मिलों को इस सत्र में गन्ना नहीं दिया जाएगा। टिकैत ने कहा कि गन्ने का नया सत्र शुरू होने जा रहा है, लेकिन शुगर मिलों (फैक्ट्रियों) ने किसानों के गन्ने के मूल्य का बकाया भुगतान नहीं किया है। भाकियू प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने चेतावनी दी, कि बकाया गन्ना भुगतान नहीं होने पर बजाज हिन्दुस्थान के भसाना मिल को इस सत्र में गन्ना सप्लाई नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि शामली में आंदोलनरत एक वृद्ध किसान की मौत हो जाने पर भी सरकार संवेदनशील नजर नहीं दिखाई दे रही है। सरकार को किसानों, मजदूरों के हितों और समस्याओं से कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने किसानों से एकजुटता का आह्नान करते हुए कहा कि आज हमें अपने अधिकार के लिए लंबे संघर्ष का संकल्प लेना है।
भाकियू प्रवक्ता ने कहा कि जो मिल किसानों का गन्ने का बकाया भुगतान नहीं करेगी, उसे किसान अब अपनी फसल नहीं देंगे। ऐसे किसानों के लिए जिला प्रशासन डायवर्जन योजना लागू करते हुए दूसरी मिलों को उनके गन्ने की आपूर्ति की व्यवस्था करे।
टिकैत ने कहा कि सरकार लागत देने की बात करती है, लेकिन अभी तक भी गन्ना मूल्य घोषित नहीं किया गया है। जिले में 68 किसान सेवा सहकारी समिति हैं, सभी पर एक प्रभारी नियुक्त किया जाएगा। किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए यह पहल की जा रही है।
चौधरी राकेश टिकैत ने कहा कि गन्ने का नया सीजन शुरू होने जा रहा है, लेकिन शुगर मिलें किसानों को गन्ना मूल्य का बकाया भुगतान नहीं कर रही हैं। यह सरकार संवेदनशील नजर नहीं आती है। इस सरकार को किसानों और मजदूरों के हितों और समस्याओं से कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने किसानों से एकजुटता का आह्वान करते हुए कहा कि आज हमें अपने अधिकार के लिए लंबे संघर्ष का संकल्प लेना है, जो मिल किसानों का बकाया का भुगतान नहीं करेगी, उस मिल को किसान अब अपनी फसल नहीं देंगे। ऐसे किसानों के लिए जिला प्रशासन डायवर्जन योजना लागू करते हुए दूसरी मिलों को उनके गन्ने की आपूर्ति की व्यवस्था करे। उन्होंने कहा कि सरकार लागत देने की बात करती है, लेकिन अभी तक भी गन्ना मूल्य घोषित नहीं किया गया है। कुछ गांवों में गन्ना सेंटर को लेकर विवाद है।