बेंगलुरु,। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2024 के लिए चुनावी बिगुल फूंके जाने के बावजूद कर्नाटक में भगवा पार्टी की संभावनाएं धूमिल होती दिख रही हैं। यह राज्य पार्टी के लिए दक्षिण भारत का प्रवेशद्वार माना जाता था, वह अब यहां की सत्ता से बाहर हो चुकी है ।
भाजपा की राज्य इकाई 10 मई को चुनाव नतीजे घोषित होने के तीन महीने बाद भी विधानसभा और विधान परिषद में विपक्ष के नेता की नियुक्ति का इंतजार कर रही है।
कांग्रेस “ऑपरेशन लोटस” का बदला लेने के लिए पूरी तरह तैयार है, जिसके माध्यम से भाजपा सबसे पुरानी पार्टी के नेतृत्व को हथिया कर राज्य में सत्ता में आई थी। भाजपा नेतृत्व अपने नेताओं को अपने पाले में बनाए रखने के लिए पूरी कोशिश कर रहा है। उपमुख्यमंत्री और कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार ने कहा है कि राजनीति में कुछ भी हो सकता है और कुछ भी स्थायी नहीं है।
सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस पार्टी ने भाजपा से नेताओं को तोड़ने के लिए एक खास टास्क दिया है। पार्टी ने 13 से 15 ऐसे प्रमुख नेताओं की पहचान की है जो अपने दम पर चुनाव जीत सकते हैं और उन्हें कांग्रेस में लाने की कोशिश हो रही है। अगर ऐसा हुआ तो भाजपा को बड़ा झटका लगेगा।
भाजपा के सूत्रों ने बताया कि विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद आलाकमान अभी भी राज्य के नेताओं से नाराज है। कर्नाटक में अपनी सफलता से उत्साहित कांग्रेस ने यूपीए का एक नया वर्जन ‘इंडिया’ लॉन्च किया है और राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा को चुनौती दे रहा है।
मुख्यमंत्री सिद्दारमैया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साध रहे हैं और उन्होंने स्वतंत्रता दिवस पर लालकिले की प्राचीर से दिए अपने भाषण के दौरान परिवार की राजनीति पर कटाक्ष किया था। सिद्दारमैया ने यह भी घोषणा की है कि कांग्रेस आगामी लोकसभा चुनाव में राज्य में 20 सीटें जीतेगी।
सिद्दारमैया और डी.के. शिवकुमार के संयुक्त हमलों का मुकाबला करने के लिए कर्नाटक भाजपा में कोई कद्दावर नेता नहीं है।
कर्नाटक में भाजपा को सत्ता में लाने वाले पार्टी के पुराने योद्धा, पूर्व सीएम बी.एस. येदियुरप्पा कभी-कभार बयान दे देते हैं।
कांग्रेस नेता भाजपा को फटकार लगा रहे हैं, क्योंकि राज्य विधानसभा के इतिहास में कभी भी कर्नाटक में विपक्ष के नेता के बिना बजट सत्र आयोजित नहीं किया गया है। कांग्रेस भाजपा के अंदरूनी कलह पर भी उंगली उठा रही है।
राज्य के राजनीतिक हलकों में ‘रिवर्स ऑपरेशन लोटस’ या ‘ऑपरेशन हस्त’ की अफवाहें गर्म हैं। सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस भाजपा के बड़े नेताओं की हार सुनिश्चित करने की योजना बना रही है। सूत्रों ने कहा कि बेंगलुरु दक्षिण सीट से भाजपा युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या को हराने के लिए कांग्रेस ने वरिष्ठ भाजपा नेता वी. सोमन्ना से संपर्क किया है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस लोकसभा चुनाव में तेजस्वी सूर्या के खिलाफ पूर्व विधायक और परिवहन मंत्री रामलिंगा रेड्डी की बेटी सौम्या रेड्डी को मैदान में उतारने पर विचार कर रही है। पार्टी सूत्रों ने बताया कि पूर्व सीएम जगदीश शेट्टार हुबली सीट पर केंद्रीय खान, कोयला और संसदीय मामलों के मंत्री प्रल्हाद जोशी से मुकाबला करेंगे।
कांग्रेस उडुपी चिक्कमगलुरु एमपी सीट से केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे की हार सुनिश्चित करने की कोशिश कर रही है। हालांकि भाजपा उडुपी जिले की सभी विधानसभा सीटों को बरकरार रखने में कामयाब रही, लेकिन पार्टी को चिक्कमगलुरु जिले में हाल का सामना करना पड़ा क्योंकि कांग्रेस ने सभी सीटें जीत लीं।
भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव और प्रमुख वोक्कालिगा नेता सी.टी. रवि कांग्रेस उम्मीदवार से हार चुके हैं । भाजपा का प्रदेश नेतृत्व मजबूती के लिए आलाकमान की ओर देख रहा है, लेकिन नई दिल्ली ने सारी उम्मीदें खो दी हैं।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा की भाजपा विधायक बी.वाई. विजेंद्र और पूर्व सीएम बसवराज बोम्मई से मुलाकात को छोड़कर कुछ भी आगे नहीं बढ़ा है। राज्य में अपनी गारंटी योजनाओं को लागू करके कांग्रेस लगातार मजबूत होती जा रही है। कांग्रेस यह सुनिश्चित करने में लगी है कि अल्पसंख्यक वोट बैंक उसके साथ बरकरार रहे।