नई दिल्ली। दिल्ली, उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थान FIITJEE के कई केंद्र कथित तौर पर बंद हो गए हैं। इन केंद्रों के बंद होने से हजारों छात्रों और अभिभावकों में भविष्य को लेकर गहरी चिंता है, खासतौर पर जब बोर्ड परीक्षाओं और प्रवेश परीक्षाओं का समय नजदीक है।
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नोएडा, मेरठ, गाजियाबाद, लखनऊ, वाराणसी, पटना, भोपाल और दिल्ली के लक्ष्मी नगर जैसे प्रमुख शहरों में FIITJEE के केंद्र बंद हो गए हैं। नोएडा सेक्टर 62 में स्थित केंद्र बंद होने वाला सबसे आखिरी सेंटर था, जिसे बुधवार को बंद कर दिया गया।
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संस्थान के बंद होने का एक प्रमुख कारण शिक्षकों के बकाया वेतन और अन्य संस्थानों में बेहतर अवसरों की तलाश में उनके इस्तीफे बताए जा रहे हैं। वहीं, अभिभावकों ने आरोप लगाया है कि केंद्र बंद होने के बावजूद संस्थान फीस वापस नहीं कर रहा है।
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नोएडा के अभिभावक राजीव कुमार चौधरी ने शिकायत दर्ज कराते हुए कहा “हमने 5 साल की फीस का भुगतान किया था, जिसमें से 2 साल की फीस अब भी बची है। FIITJEE ने संदेश भेजकर हमारे बच्चों को ‘आकाश इंस्टीट्यूट’ में शिफ्ट करने की बात कही। यह तय करना हमारा अधिकार है कि हमारे बच्चे कहां पढ़ेंगे।
अविनाश कुमार, एक अन्य अभिभावक, ने कहा, “हमने अपने बच्चे का दाखिला FIITJEE में कराया था, लेकिन अब यह बंद हो गया है। प्रबंधन फोन तक नहीं उठा रहा। यह हमारे बच्चों के भविष्य का सवाल है, और सरकार को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए।”
नोएडा सेक्टर 58 में FIITJEE के प्रमुख डीके गोयल के खिलाफ फीस वापसी न करने की शिकायत दर्ज की गई है।
कई अन्य स्थानों पर भी अभिभावकों ने पुलिस में शिकायतें दर्ज कराई हैं।
अभिभावकों ने राज्य और केंद्र सरकार से इस मामले में जल्द से जल्द हस्तक्षेप करने की मांग की है। उनका कहना है कि संस्थान की बंदी छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है, और इसे हल करना आवश्यक है।
यह मामला शिक्षण संस्थानों में पारदर्शिता और नियामक व्यवस्था की आवश्यकता को फिर से उजागर करता है।