नई दिल्ली। फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट इंडिया (एफआईयू-आईएनडी) ने 2024 में करीब 11,000 करोड़ रुपये की अघोषित आय का पता लगाया है। यह जानकारी वित्त मंत्रालय द्वारा गुरुवार को दी गई। एफआईयू-आईएनडी द्वारा लॉ एनफोर्समेंट एजेंसियों (एईए) के साथ साझा की गई जानकारी में बताया गया कि इस वर्ष 10,998 करोड़ रुपये की अघोषित आय का पता चला है।
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साथ ही 2,763 करोड़ रुपये की आपराधिक आय की पहचान की गई तथा 983.4 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की गई। मंत्रालय ने बताया कि केंद्रीय नोडल एजेंसी ने 461 किलोग्राम मादक पदार्थ जब्त किए हैं। रिपोर्टिंग संस्थाओं पर नियामक कार्रवाई के माध्यम से 211 अनुपालन आदेशों में 39.14 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। इसके अतिरिक्त मनी लॉन्ड्रिंग, आतंकवाद की फंडिंग और अन्य अपराधों में 184 लोगों को गिरफ्तार किया है। मंत्रालय द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर दी गई जानकारी में कहा गया, “एफआईयू-आईएनडी द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग, आतंकवाद और प्रसार की फंडिंग से संबंधित वित्तीय लेनदेन पर कड़ी निगरानी ने लगभग 11,000 करोड़ रुपये की अघोषित आय का पता लगा है।”
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एफआईयू-आईएनडी एक केंद्रीय, राष्ट्रीय एजेंसी है जो संदिग्ध वित्तीय लेनदेन से संबंधित सूचना प्राप्त करने, उसका प्रसंस्करण और विश्लेषण करने, प्रवर्तन एजेंसियों एवं विदेशी एफआईयू को प्रसारित करने के लिए जिम्मेदार है। एफआईयू-आईएनडी, मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद की फंडिंग के खिलाफ वैश्विक प्रयासों को आगे बढ़ाने में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खुफिया की जांच और प्रवर्तन एजेंसियों के प्रयासों को मजबूत करने के लिए भी जिम्मेदार है।
एफआईयू-आईएनडी एक स्वतंत्र निकाय है जो सीधे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाली इकोनॉमिक इंटेलिजेंस काउंसिल (ईआईसी) को रिपोर्ट करता है। पिछले महीने, भारत और कतर के एफआईयू ने दोनों संगठनों के बीच संबंधों को मजबूत करने और मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद की फंडिंग के खतरे से लड़ने में एक-दूसरे की सहायता करने की प्रतिबद्धता के लिए दो दिवसीय बैठक आयोजित की थी।