गुरुग्राम। शहर के एक निजी अस्पताल में मरीज के उपचार में लापरवाही से उसकी मौत होने के मामले में अस्पताल की लापरवाही सामने आई है। मेडिकल बोर्ड की जांच रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि मरीज के इलाज में घोर लापरवाही बरती गई। मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर सेक्टर-10 पुलिस थाना में अस्पताल के सीईओ व एक डॉक्टर पर एफआईआर दर्ज की गई है।
पीडि़त परिवार की ओर से निर्मला शर्मा के मुताबिक सिग्नेचर एडवांस्ड सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में उनके 92 वर्षीय पिता चंद्र प्रकाश दीक्षित (अब दिवंगत) का उन्होंने उपचार कराया था। वहां उपचार में लापरवाही के कारण उन्हें संक्रामक रोग हो गया। उनकी तबियत बिगड़ती गई। उनके पिता की हेमी-आर्थोप्लास्टी सर्जरी करने के लिए सिग्नेचर एडवांस्ड सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल को 1 लाख 89 हजार 100 रुपये का भुगतान किया गया। इलाज के बाद मरीज को कई परेशानियों का सामना करना पड़ा। ऐसे में उन्होंने अपने पिता को दूसरे अस्पताल में शिफ्ट करना पड़ा। वहां पर उनके उपचार पर 9 लाख 3 हजार 678 रुपये खर्च हुए। दुर्भाग्य से इस वर्ष की शुरुआत में उनके पिता की मृत्यु हो गई। आरोप है कि अस्पताल से छुट्टी के समय रोगी के कृत्रिम कूल्हे की अव्यवस्था का पता लगाने और उसका इलाज करने में डॉक्टर विफल रहे। जिसके कारण उपचार में देरी हुई। मरीज के अंग छोटे हो गए और कई तरह की दिक्कतें पैदा हो गई।
इस संबंध में जिला स्वास्थ्य विभाग को शिकायत दी गई। सिविल सर्जन द्वारा इस विषय पर 7 सदस्यीय मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया। मेडिकल बोर्ड ने बारीकी से जांच के बाद अपनी रिपोर्ट में साफ किया है कि अस्पताल का प्रबंधन और मरीज का उपचार करने वाले अस्पताल के सर्जन दोनों ने ना केवल लापरवाही बरती, बल्कि उन्होंने भ्रामक रिकॉर्ड और रिपोर्ट, एक्स-रे आदि प्रदान करके बोर्ड को भी गुमराह करने की कोशिश की। मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट कानूनी राय के लिए जिला अटॉर्नी को भेजी गई। जिला अटॉर्नी ने प्राथमिक तौर पर लापरवाही से मौत का मामला माना।
लापरवाही के लिए जिला मेडिकल बोर्ड द्वारा की गई जांच और जिला अटॉर्नी से कानूनी राय के आधार पर उनके खिलाफ गुरुग्राम के सेक्टर-10 पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 304-ए के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। सब-इंस्पेक्टर संदीप कुमार का कहना है कि पुलिस अपने स्तर पर मामले की जांच कर रही है।