सहारनपुर (शाकंभरी)। शिवालिक तलहटी में बसे गांव रामपुर बड़कला में आठ परिवारों के छप्परनुमा घरों एवं पशुशाला में आग लगने से घरेलू सामान और अनाज आदि जलकर राख हो गया। आग लगते ही अफरा-तफरी मच गई। ग्रामीणों ने मौके पर पहुंच मवेशियों को बमुश्किल बाहर निकाला। ग्राम प्रधान की सूचना पर फायर ब्रिगेड भी एक घंटा लेट पहुंची तब तक सब कुछ जलकर नष्ट हो चुका था।
प्राप्त जानकारी के अनुसार कोतवाली मिर्जापुर के गांव रामपुर बड़कला के मजरे रामपुर में तेजपाल के घर के बराबर में बनी पशुशाला में अचानक से आग की तेज लपटें उठने लगी। जब तक ग्रामीण कुछ समझते आग बराबर में बनी रीना पत्नी महावीर की पशुशाला तक जा पहुंची। इसके बाद कई ग्रामीणों के घरों तथा पशुशालाओं को आग ने अपनी चपेट में ले लिया।
आग लगी देख ग्रामीण मौके पर पहुंचे। उन्होंने पास में स्थित पोल्ट्री फार्म एवं एक स्टोन क्रशर से पानी के टैंकर मंगाकर आग को किसी तरह से काबू में किया। ग्राम प्रधान संजय चौधरी द्वारा फायर ब्रिगेड को सूचना देने पर वह एक घंटा देरी से पहुंची। आग की जद में आकर रीना की घास काटने की मशीन, इंजन, पांच क्विंटल अनाज, बिस्तर एवं बर्तन जल गए। पास में स्थित सतीश के घर में रखा घरेलू सामान चार क्विंटल अनाज, भूसा जल गया। सोनी, मोनू, राजपाल, प्रमोद एवं सुभाष की पशुशालाओं में रखा अनाज और भूसा आग की भेंट चढ़ गया।सतीश की पत्नी रूमा का रो-रोकर बुरा हाल था। वह बार-बार कह रही थी कि कुछ महीने बाद उसके बेटे राजीव की सगाई होने वाली थी।
उसने पाई-पाई जोड़कर किसी तरह पुत्रवधू के लिए सोने की अंगूठी एवं एक चांदी की चेन बनवाकर रखी थी। गेहूं कटाई में मजदूरी कर अनाज भी इकट्ठा किया था और एक झटके में सब कुछ जलकर राख हो गया। रीना का कहना था कि पिछले साल पति महावीर की दुर्घटना में मौत होने के बाद तीन बच्चों की जिम्मेदारी उस पर ही आ गई है। जैसे तैसे मजदूरी करके अपने बच्चों का पेट पाल रही थी अभी गेंहू कटाई की मजदूरी करके एकत्रित अनाज, बिस्तर, बर्तन, कपड़े, भूसा सभी कुछ जल गया। घर में कुछ नहीं बचा। एसडीएम बेहट दीपक कुमार ने मौके पर पहुंचकर लेखपाल को पीड़ितों की हरसंभव मदद के लिए निर्देशित किया है। आकलन कराकर पीड़ितों की मदद की जाएगी।