नई दिल्ली। उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष के दौरान अप्रैल-सितंबर में भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) प्रवाह 45 प्रतिशत बढ़कर 29.79 अरब डॉलर हो गया। 2023-24 के दौरान इसी अवधि में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश 20.48 अरब डॉलर था।
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एफडीआई से लाभ पाने वाले अर्थव्यवस्था के मुख्य क्षेत्रों में सेवा, ऑटोमोबाइल, कंप्यूटर सॉफ्टवेयर, आईटी हार्डवेयर, दूरसंचार और फार्मास्यूटिकल्स और रसायन शामिल रहे। एफडीआई प्रवाह से अर्थव्यवस्था में बेहतर टेक्नोलॉजी के साथ-साथ अधिक निवेश और रोजगार के अवसर पैदा होते हैं। चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही के दौरान सेवाओं में एफडीआई बढ़कर 5.69 बिलियन डॉलर हो गया, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 3.85 बिलियन डॉलर था।
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आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि गैर-पारंपरिक ऊर्जा में एफडीआई प्रवाह 2 अरब डॉलर रहा। चालू वित्त वर्ष के दौरान जुलाई-सितंबर तिमाही के लिए एफडीआई प्रवाह 43 प्रतिशत बढ़कर 13.6 अरब डॉलर हो गया, जबकि 2023-24 की इसी तिमाही में यह 9.52 अरब डॉलर था। इससे पहले एफडीआई प्रवाह अप्रैल-जून तिमाही में 47.8 प्रतिशत बढ़कर 16.17 अरब डॉलर दर्ज किया गया था।
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इक्विटी इन्वेस्टमेंट, रिइंवेस्टेड आय और अन्य पूंजी सहित कुल एफडीआई प्रवाह चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही के दौरान 28 प्रतिशत बढ़कर 42.1 अरब डॉलर हो गया, जो अप्रैल-सितंबर 2023-24 में 33.12 बिलियन डॉलर था। राज्यवार आंकड़े बताते हैं कि अप्रैल-सितंबर 2024-25 के दौरान महाराष्ट्र में सबसे अधिक 13.55 अरब डॉलर का प्रवाह हुआ। कर्नाटक में 3.54 अरब डॉलर, गुजरात में 3.94 अरब डॉलर, दिल्ली में 3.20 अरब डॉलर, तमिलनाडु में 1.62 अरब डॉलर, हरियाणा में 1.31 अरब डॉलर, तेलंगाना में 1.54 अरब डॉलर का प्रवाह रहा।
चालू वित्त वर्ष के अप्रैल-सितंबर के दौरान मॉरीशस से 5.34 अरब डॉलर, सिंगापुर से 7.53 अरब डॉलर, अमेरिका से 2.57 अरब डॉलर, नीदरलैंड से 3.58 अरब डॉलर, जापान से 1.19 अरब डॉलर, यूके से 188 मिलियन डॉलर, यूएई से 3.47 अरब डॉलर, केमैन आइलैंड्स 235 मिलियन डॉलर, साइप्रस से 808 मिलियन डॉलर और जर्मनी से 249 मिलियन डॉलर एफडीआई इक्विटी प्रवाह हुआ। –