मेरठ। बोम्बे बाजार स्थित चैंबर ऑफ कॉमर्स में उत्तर प्रदेश दवा व्यापार संघर्ष समिति का सम्मेलन हुआ। इसमें प्रदेश के विभिन्न जिलों और अन्य राज्यों से भी दवा व्यापारी पहुंचे। समिति संस्थापक गोपाल अग्रवाल ने कहा कि दवा व्यापारियों को एकजुट कर उनकी समस्याएं दूर की जाएंगी। उन्होंने कहा कि एक्सपायरी दवाओं के क्लेम के लिए समय सीमा समाप्त की जाए। इसके साथ डाक्टरों को दवाओं की सीधी सप्लाई नहीं होनी चाहिए। कंपनियां अपनी मर्जी से माल न भेजकर व्यापारी के ऑर्डर के अनुसार सप्लाई करें और ऑनलाइन दवा की बिक्री बंद की जाए।
भारत माता के चित्र पर माल्यार्पण और राष्ट्रगान के साथ सम्मेलन शुरू हुआ। अध्यक्षता कर रहे वाराणसी के कारोबारी रमेश महेश्वरी ने कहा कि मरीजों की सेवा में दवा व्यापारियों को भी बड़ा योगदान है। सुधीर चौधरी ने कहा कि दवा निर्माता अपने मुनाफे के लालच में बाजार के सामने परेशानियां बढ़ा रहे हैं।
दवा के प्रमोशन के लिए कंपनियां सीधे डॉक्टर से दवाएं लिखवाती हैं, जबकि रोगियों तक दवा पहुंचाने की जिम्मेदारी थोक से होते हुए खुदरा दवा व्यापारियों की होनी चाहिए। व्यापारी रामोतार ने बताया कि पश्चिम बंगाल के जयदेव सरकार, महाराष्ट्र के नरेंद्र जैन, दिल्ली के कैलाश गुप्ता, छत्तीसगढ़ से देवराज, मध्य प्रदेश से विष्णु सिंहल, हरियाणा से राजकुमार सहित अन्य व्यापारी शामिल हुए।