मेरठ। साइबर अपराधियों ने मेरठ में रिटायर्ड बैंक कर्मचारी से डिजिटल अरेस्ट कर उससे करोड़ों की ठगी की। इस मामले में साइबर क्राइम टीम ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने फर्जी मनी लॉन्ड्रिंग का डर दिखाकर बैंक कर्मचारी से 4 दिनों में 1,73 करोड़ रुपए की ऑनलाइन ठगी की है। जिला पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि 22 सितंबर को थाना साइबर क्राइम को रिटायर्ड बैंक कर्मी ने सूचना दी थी कि 17 सितंबर को आवेदक के पास अज्ञात मोबाइल नंबर से कॉल आया था।
उसने अपने आप को टेलीकॉम विभाग से बताते हुए कहा कि आपके आधार कार्ड का इस्तेमाल कर केनारा बैंक में एक खाता खोला गया है, जिसमें मनी लॉन्ड्रिंग का पैसा आया हैं और आपके खिलाफ महाराष्ट्र में एक मामला दर्ज हैं। इस प्रकार आरोपियों ने रिटायर्ड कर्मी से 18 सितंबर से 21 सितंबर तक अलग बैंको में पांच ट्राजेक्शन के माध्यम से कुल धनराशि 1,73,80,000/-रूपये की ऑनलाइन ठगी कर ली गयी हैं। इस संबंध में प्राप्त तहरीर के आधार पर थाना साइबर क्राइम ने मामला दर्ज कर जांच में जुट गई।
घटना के खुलासे के लिए एसएसपी मेरठ के निर्देश पर थाना साइबर क्राइम, जनपद मेरठ की तीन पुलिस टीम नियुक्त कर मुंबई महाराष्ट्र, बारागल तेलगाना व कलकत्ता पश्चिम बंगाल राज्यों के लिए रवाना किया गया था। जिनके द्वारा दो अभियुक्त मुंबई महाराष्ट्र, एक अभियुक्त कलकत्ता पश्चिम बंगाल एवं एक अभियुक्त मेरठ से गिरफ्तार किया गया हैं। उक्त गिरफ्तारी के संबंध में थाना साइबर क्राइम जनपद मेरठ पर अग्रिम वैधानिक कार्यवाही की जा रही हैं। पुलिस प्रवक्ता के अनुसार अभियुक्तों के बैंक अकाउट के संबंध में भारत सरकार द्वारा संचालित NCRP PORTAL पर वर्तमान तक प्राप्त जानकारी के अनुसार थाना साइबर क्राइम, जनपद मेरठ के अतिरिक्त विभिन्न राज्यों से 14 शिकायतें प्राप्त हैं। गिरफ्तार आरोपियों के नाम निलेश बालकृष्ण, नावेद एजास सैयद, नामिजला राजकुमार और सोम्यासिस पाईन शामिल हैं।