बागपत। कृषि मेले व गोष्ठी में किसानों की अधिक से अधिक संख्या दर्शाकर उन्हें पूड़ी-सब्जी व लडडू खिलाकर लाखों की हेराफेरी कर प्रेरणा कैंटीन के नाम पर फर्जी बिल काटने का मामला उजागर हुआ है।
कृषि निदेशक लखनऊ के पास शिकायत पहुंची तो कृषि विभाग के अफसरों में हड़कंप मच गया। कृषि निदेशक लखनऊ ने उप कृषि निदेशक बागपत को जांच सौंपी है। साथ ही एक सप्ताह के अंदर जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए निर्देशित किया गया है।
मामला बागपत के छपरौली ब्लाक से जुड़ा हुआ है। जहां पर प्रदेश सरकार द्वारा किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए संचालित की गई योजनाओं के प्रचार-प्रसार करने के लिए कृषि मेले व गोष्ठी आयोजित कर उनमें अधिक से अधिक किसानों की संख्या दर्शाई गई और किसानों को पूड़ी-सब्जी व लडडू खिलाकर तकरीबन दो लाख से अधिक की हेराफेरी कर ली गई।
इस फर्जीवाड़े को विभाग में तैनात रहे एक कृषि कर्मचारी ने अंजाम दिया है। हैरानी की बात यह है कि लाखों की हेराफेरी करने के बाद उक्त कृषि कर्मचारी ने मुकंदपुर गांव में संचालित प्रेरणा कैंटीन के नाम से 10 से 15 फर्जी बिल काट दिए। जबकि प्रेरणा कैंटीन पर न तो पूड़ी बनाई जाती और न ही सब्जी।
बताया गया कि फर्जीवाड़ा करने वाले कर्मचारी ने फर्जी बिलों को उच्चाधिकारियाें से सत्यापित कराने की बजाए खुद ही सत्यापित कर लिए और बाद में प्रेरणा कैंटीन संचालक को गुमराह कर पहले लाखों की धनराशि उसके खाते में भिजवा दी और बाद में बड़ी ही सफाई से उच्चाधिकारियों का हवाला देते हुए उक्त धनराशि प्रेरणा कैंटीन के खाते से अपने खाते में ट्रांसफर कर ली गई।
लाखों की हेराफेरी करने वाले कर्मचारी को बचाते रहे जिला स्तर के कृषि विभाग के अधिकारी फर्जी बिल बनाकर लाखों हड़पने का मामला क्षेत्र के किसानों में महिपाल, सुखपाल, लोकेश, पुष्पेंद्र और तपेंद्र आदि को पता लगा तो उन्होंने जिला कृषि कार्यालय पर जाकर शिकायत की और कार्रवाई की मांग की। आरोप है कि शिकायतों के बावजूद कृषि विभाग के आला अधिकारी आरोपी कृषि कर्मचारी पर कार्रवाई करने की बजाए, उसे बचाते रहे।
लगातार शिकायत किए जाने के बाद जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो किसानों ने कृषि निदेशक लखनऊ को फर्जी बिल संग्लन कर लिखित में शिकायत की तो विभागीय अफसरों में हड़कंप मच गया। कृषि निदेशक लखनऊ ने इसकी जांच उप कृषि निदेशक बागपत को सौंपी है और 26 जनवरी से पहले जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए निर्देशित किया है।
दुर्विजय सिंह उप कृषि निदेशक बागपत ने बताया कि उक्त कर्मचारी के खिलाफ पहले से ही कई शिकायतों की जांच चल रही है। जैसे ही प्रेरणा कैंटीन के नाम पर फर्जी बिलों की जांच मिलती है तो पारदर्शिता के साथ जांच कर कृषि निदेशक लखनऊ को रिपोर्ट सौंपी जाएगी।