बुलंदशहर। उत्तर प्रदेश में बुलंदशहर पुलिस ने जाली दस्तावेजों से अध्यापक की नौकरी पाने के आरोप में एक जालसाज और उसके दो साथियों को सोमवार को गिरफ्तार जेल भेजा गया।
एसपी देहात बजरंगबली चौरसिया ने यहां मीडियाकर्मियों को बताया कि जनपद फिरोजाबाद के थाना नसीरपुर क्षेत्र स्थित ग्राम करनपुर निवासी दिनेश यादव ने जनपद कौशांबी के तहसील कड़ा क्षेत्र के ग्राम दतई पूर्वा निवासी मिश्रीलाल के नाम से हाई स्कूल, इंटर ,बीएड एवं टेस्ट के फर्जी कागजात तैयार कर वर्ष 2015 में जनपद बुलंदशहर के थाना रामघाट क्षेत्र के ग्राम विजय नगरलिया स्थित जूनियर हाईस्कूल में सहायक अध्यापक की नौकरी प्राप्त कर ली थी।
एसपी ने बताया कि जब पुलिस ने जनपद कौशांबी निवासी मिश्रीलाल से संपर्क किया तब वह खेतों में काम करते पाये गये। इसके बाद दिनेश के खिलाफ जांच शुरू की गयी। पुलिस जांच में जब दिनेश के प्रपत्र फर्जी पाये गये तो इसके विरुद्ध वर्ष-2020 में थाना रामघाट पर 175/20 धारा 420/467/468/471 के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया।
एसपी ने बताया कि जालसाज अध्यापक यहीं नहीं रुका दिनेश ने नौकरी के दौरान ही जालसाजी से प्रपत्र लगाकर एचडीएफसी बैक से 10 लाख रुपये का लोन लिया एवं मकान मालिक/प्रधानाध्यापक से 04 लाख रुपये उधार लेकर फरार हो गया था।
एसपी ने बताया कि छानबीन में इस पूरे मामले में तीन अन्य अभियुक्तों के नाम प्रकाश में आये।दूसरा अभियुक्त गजेन्द्र भी जनपद फिरोजाबाद के थाना नसीरपुर क्षेत्र के ग्राम बढाईपुरा का है जबकि अरुण राजन नामक तीसरा अभियुक्त भी जनपद फिरोजाबाद के थाना नसीरपुर क्षेत्र के धनपुरा गांव का रहने वाला है। स्वाट टीम ग्रामीण व थाना रामघाट पुलिस ने आज को तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
उन्होंने बताया कि अभियुक्तगण अपने साथियों के साथ मिलकर जालसाजी का नेटवर्क चलाते है।
एसपी ने बताया कि अभियुक्त दिनेश एवं गजेन्द्र का आपराधिक इतिहास है। इस केस को खोलने के लिए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने रामघाट पुलिस को पुरस्कृत करने की घोषणा की है ।