Monday, December 16, 2024

संभल हिंसा से लेकर खुदाई में मिली मूर्तियों पर CM योगी की खरी खरी

 

लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन राजनीतिक गरमाहट और तीखे आरोप-प्रत्यारोप का माहौल बना। समाजवादी पार्टी (सपा) विधायकों ने सत्र की शुरुआत में ही जोरदार हंगामा किया, जिसके कारण कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। हालांकि, बाद में सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस दौरान संभल हिंसा, सांप्रदायिक मामलों और उपचुनावों के मुद्दे पर विपक्ष को आड़े हाथों लिया।

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सीएम योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में एनसीआरबी के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा, “2017 के बाद से यूपी में सांप्रदायिक हिंसा में 97 प्रतिशत तक कमी आई है। जबकि, सपा सरकार के दौरान 2012 से 2017 के बीच 815 सांप्रदायिक दंगे हुए, जिनमें 192 लोगों की मौत हुई।”

 

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संभल हिंसा की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “जय श्री राम बोलने को लेकर उत्तेजना पैदा करने की कोई वजह नहीं है। यह चिढ़ाने वाला नहीं है। न्यायालय के आदेश के तहत जिलाधिकारी ने सर्वे पूरा कराया, लेकिन जुमे की नमाज के दौरान तकरीरों से माहौल खराब किया गया।” उन्होंने कहा कि इस घटना की जांच के लिए न्यायिक आयोग का गठन किया जाएगा और रिपोर्ट सदन में प्रस्तुत की जाएगी।

 

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मुख्यमंत्री ने संभल के सांप्रदायिक इतिहास को भी सदन में रखा। उन्होंने कहा, “1947 से अब तक संभल में हुई सांप्रदायिक हिंसा में 209 हिंदुओं की हत्या हुई है। 1978 में 184 हिंदुओं की सामूहिक हत्या और उन्हें जलाया गया। लेकिन कभी किसी ने निर्दोष हिंदुओं के लिए आवाज नहीं उठाई।”

 

 

उन्होंने आगे कहा, “संभल में जो बजरंग बली का मंदिर निकल रहा है, उसे 1978 से खोला नहीं गया। 22 कुओं को बंद कर दिया गया। लेकिन अब जिसने माहौल खराब किया है, वह कानून से बच नहीं सकेगा।”

 

कुंदरकी उपचुनाव के नतीजों पर विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए सीएम योगी ने कहा, “आपने वोट की लूट बताया, लेकिन आपके प्रत्याशी की तो जमानत भी जब्त हो गई। सदन में इस तरह के बयान देना एक सदस्य का अपमान है।”

 

 

मुख्यमंत्री ने विपक्ष के सांप्रदायिकता के आरोपों पर कटाक्ष करते हुए कहा, “पश्चिम यूपी में लोग सामान्य तौर पर राम-राम कहते हैं। यह हमारे समाज का हिस्सा है। हम अंतिम यात्रा में भी राम-राम सत्य है कहते हैं। राम के बिना हमारा कोई काम ही नहीं है। यह सांप्रदायिक संबोधन कैसे हो गया?”

 

 

सीएम ने विपक्ष की विचारधारा पर भी सवाल उठाए। सपा विधायकों की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा, “आज डिजिटल का जमाना है। पश्चिम यूपी के पठान और शेख खुद कह रहे हैं कि उनके पूर्वज हिंदू थे। क्या यह सच नहीं है? यह देशी और विदेशी मुसलमानों के बीच वर्चस्व की लड़ाई है, जिसे आप लोग छिपाने की कोशिश कर रहे हैं।”

 

संभल हिंसा और सांप्रदायिकता के मुद्दों पर समाजवादी पार्टी ने मुख्यमंत्री के बयानों का कड़ा विरोध किया। सपा नेता शिवपाल सिंह यादव ने कहा, “यह सरकार अब तक की सबसे भ्रष्ट और धोखेबाज सरकार है। विपक्ष सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन सरकार सदन चलाना ही नहीं चाहती।”

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