मंसूरपुर। धामपुर बायो ऑर्गेनिक्स लिमिटेड शुगर मिल मंसूरपुर में कार्यरत एक श्रमिक की मिल परिसर में घर जाते समय आकस्मिक मौत हो गई। मुआवजे व नौकरी की मांग को लेकर भाकियू तोमर के कार्यकर्ताओं व परिजनों ने मिल परिसर में केन यार्ड के समीप शव रखकर धरना प्रदर्शन कर गन्ना चेन को रोक दिया।
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हंगामे की सूचना पर थाना पुलिस और मौके पर पहुंचे सीओ खतौली ने परिजनों को समझाने का प्रयास किया। घंटों तक हंगामा चलने के बाद मिल प्रशासन ने मृतक के परिजनों को 11 लाख रुपये व मृतक की पत्नी को विधवा पेंशन देने का आश्वासन दिया। आश्वासन मिलने के बाद धरना समाप्त हुआ।
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मिल मंसूरपुर निवासी करीब 57 वर्षीय कृष्णपाल पुत्र महावीर सिंह शुगर मिल मंसूरपुर में कई वर्षो से कार्यरत है। शनिवार दोपहर करीब डेढ बजे कृष्णपाल शुगर मिल में स्थित डिस्पेंसरी पर ईलाज कराने गया था। डिस्पेंसरी से घर वापस लौटते समय मिल परिसर में ही कृष्णपाल अचानक से जमीन पर गिर गया। मिल कर्मचारियों ने परिजनों को सूचित किया। परिजन कृष्णपाल को मेरठ अस्पताल ले गए जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
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भाकियू तोमर के जिलाध्यक्ष निखिल चौधरी के नेतृत्व में दर्जनों कार्यकर्ता व मृतक के परिजन मिल परिसर में गन्ना चेन के पास शव को रखकर धरना देकर बैठ गए और 30 लाख रुपये मुआवजे व नौकरी की मांग कर हंगामा करने लगे। इस बीच भाकियू तोमर के कार्यकर्ताओं ने गन्ना चैन बंद कर तौल बंद करा दी।
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हंगामे की सूचना पर थाना प्रभारी उमेश रोरिया तथा सीओ खतौली रामाशीष यादव पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे और भाकियू तोमर के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को समझाने का प्रयास किया। भाकियू तोमर के कार्यकर्ताओं व पुलिस के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई। इसी बीच शुगर मिल में गन्ने डालने जा रहे किसान सामने आए और उन्होंने गन्ना चैन चालू करा दी।
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काफी देर तक हुई बातचीत के बाद मिल प्रशासन ने मृतक के परिजनों को 11 लाख रुपये की आर्थिक मदद तथा मृतक की पत्नी को विधवा पेंशन देने का आश्वासन दिया। आश्वासन मिलने के बाद धरना समाप्त करा दिया गया। मृतक कृष्णपाल के चार संतानें हैं, जिसमें तीन लड़कियां व एक लड़का है। चारों की शादियां हो चुकी है। मृतक के परिजनों ने शव का पोस्टमार्टम करवाने से मना कर दिया था, जिसके बाद शव को उन्हें सौंप दिया गया। मृतक के परिजन शव को वहां से उठाकर अंतिम संस्कार करने के लिए ले गए थे।