Thursday, April 24, 2025

मंदिरों में तोड़फोड़ से लेकर जबरन धर्म परिवर्तन तक, पाकिस्तानी हिंदू समुदाय जर्जर स्थिति में

इस्लामाबाद। पाकिस्तान में हिंदू समुदाय दशकों से दबाव में है। उपद्रवियों ने मंदिरों को निशाना बनाया है और युवा हिंदू लड़कियों का जबरन अपहरण कर विवाह किया है। पाकिस्तान सरकार धार्मिक अल्पसंख्यकों के अधिकारों और स्वतंत्रता का एम्‍बेसडर होने का दावा करती है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही दिखती है।

नवीनतम घटना में, कथित लुटेरों के एक गिरोह ने सिंध प्रांत के काशमोर जिले में गुलशन डेरा बाबा सनवाल शाह पर मोर्टार के गोले दागे, जिससे परिसर का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया।

स्थानीय लोगों ने आईएएनएस को बताया कि बदमाशों ने रामदास बघवानो दास, रेहारी कुमारी और अन्य के घरों पर भी गोलीबारी की।

[irp cats=”24”]

इस बीच कराची के सोल्जर बाजार इलाके में अधिकारियों ने कथित तौर पर 150 साल से अधिक पुराने एक हिंदू मंदिर को ध्वस्त कर दिया है।

क्षेत्र के स्थानीय लोगों ने दावा किया कि विध्‍वंस के दौरान सुरक्षा और कवर प्रदान करने के लिए पुलिस मौजूद थी।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, मरी माता मंदिर को 14 जुलाई की रात को एक गुप्त ऑपरेशन में ध्वस्त कर दिया गया था।

एक स्थानीय निवासी ने कहा, “ऑपरेशन तब हुआ जब क्षेत्र में बिजली नहीं थी। तभी खुदाई करने वाले और एक बुलडोजर विध्वंस कार्य को अंजाम देने के लिए पहुंचे। मंदिर की दीवारों और मुख्य द्वार को न छेड़ते हुए उन्होंने अंदर की पूरी संरचना को ध्वस्त कर दिया।”

पास के श्री पंच मुखी हनुमान मंदिर के श्री राम नाथ मिश्रा महराज ने कहा, “यह एक बहुत पुराना मंदिर है, जिसके बारे में कहा जाता है कि इसका निर्माण 150 साल पहले हुआ था। हमने इसके आंगन में दबे पुराने खजाने के बारे में कहानियां भी सुनी हैं।”

क्षेत्र में अफवाहों से ऐसा प्रतीत होता है कि मंदिर को कम से कम सात करोड़ पाकिस्‍तानी रुपये में बेचा जा रहा है क्योंकि खरीदार परिसर में एक व्यावसायिक भवन का निर्माण करना चाह रहे हैं।

हालांकि, कराची के मेयर मुर्तज़ा वहाब ने दावे को खारिज कर दिया। उन्‍होंने कहा कि मंदिर यथावत है।

उन्‍होंने कहा, “चेक कर लिया है। मंदिर का ऐसा कोई विध्वंस नहीं हुआ है और मंदिर अभी भी बरकरार है। प्रशासन ने हस्तक्षेप किया है और हिंदू पंचायत से सही तथ्यों का पता लगाने में पुलिस की सहायता करने के लिए कहा गया है।”

लेकिन गंभीर वास्तविकता यह है कि पाकिस्तान में हिंदू समुदाय अपने मंदिरों पर हमलों का सामना कर रहा है, जबकि उनके परिवारों को अपनी युवा लड़कियों का अपहरण करने, जबरन इस्लाम में परिवर्तित करने और फिर मुस्लिम पुरुषों से शादी करने के आघात से गुजरना पड़ा है।

काशमोर की घटना जहां हिंदू मंदिर और समुदाय के आवासों पर मोर्टार के गोले दागे गए, वह हिंदू समुदाय के खिलाफ चरमपंथी तत्वों द्वारा चल रहे खुले और स्पष्ट भेदभाव का एक और उदाहरण है।

पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग (एचआरसीपी) ने काशमोर हमले को गंभीरता से लिया है और इसकी निंदा की है।

उसने कहा, “एचआरसीपी सिंध के काशमोर और घोटकी जिलों में बिगड़ती कानून व्यवस्था की रिपोर्टों से चिंतित है। महिलाओं और बच्चों सहित हिंदू समुदाय के लगभग 30 सदस्यों को कथित तौर पर संगठित आपराधिक गिरोहों द्वारा बंधक बना लिया गया है।

“इसके अलावा, हमें परेशान करने वाली रिपोर्टें मिली हैं कि इन गिरोहों ने उच्च श्रेणी के हथियारों का उपयोग करके समुदाय के पूजा स्थलों पर हमला करने की धमकी दी है। सिंध गृह विभाग को तुरंत इस मामले की जांच करनी चाहिए और इन क्षेत्रों में सभी कमजोर नागरिकों की सुरक्षा के लिए कदम उठाने चाहिए।”

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

76,719FansLike
5,532FollowersFollow
150,089SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय