इस्लामाबाद। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान ने कहा है कि पूर्व सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा ने उन पर भारत के साथ दोस्ती बहाल करने के लिए दबाव डाला था। द न्यूज ने खान के हवाले से कहा कि बाजवा भारत के साथ दोस्ती चाहते थे और उन्होंने इसके लिए उन पर दबाव बनाया।
इमरान खान ने कहा, बाजवा एक दिन कुछ कहते थे और अगले दिन मुकर जाते थे।
आम चुनाव के बारे में एक सवाल का जवाब देते हुए पीटीआई अध्यक्ष ने कहा कि अगर 90 दिनों में चुनाव नहीं हुए तो देश में कोई संविधान नहीं बचेगा और फिर वह डायरेक्ट एक्शन लेंगे।
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, इस महीने की शुरूआत में पाकिस्तान ने फिर से इनकार किया कि वह भारत के साथ कोई बैकचैनल वार्ता कर रहा है, हालांकि पाकिस्तान ने एक शांतिपूर्ण पड़ोस की अपनी इच्छा को दोहराया है।
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की खबर के मुताबिक, विदेश कार्यालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलोच ने एक साप्ताहिक ब्रीफिंग में एक सवाल के जवाब में कहा, इस स्तर पर, पाकिस्तान और भारत के बीच कोई बैक चैनल (बातचीत) नहीं है।
दोनों पड़ोसी देशों के बीच संबंध पिछले कई सालों से ठप पड़े हुए हैं।
पाकिस्तान ने न केवल राजनयिक संबंधों को डाउनग्रेड किया बल्कि भारत के साथ द्विपक्षीय व्यापार को भी निलंबित कर दिया।
हालांकि 2021 में जब दो देश बैकचैनल वार्ता में लगे हुए थे, तब संबंध सुधरने की आशा दिखाई देने लगी थी। संयुक्त अरब अमीरात में पाकिस्तान और भारत के वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारियों के बीच गुप्त बैठकों के कारण नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर फरवरी 2021 में संघर्ष विराम का नवीनीकरण हुआ, द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने बताया।
अगला कदम द्विपक्षीय व्यापार को बहाल करना था लेकिन यह प्रक्रिया तब रुक गई जब तत्कालीन प्रधानमंत्री खान की सरकार ने भारत से चीनी और कपास आयात करने के फैसले को ठुकरा दिया।
कुछ रिपोटरें में बाद में दावा किया गया कि पर्दे के पीछे की बातचीत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पाकिस्तान यात्रा की संभावना पर भी चर्चा हुई थी।