गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश)। गाजियाबाद के टीला मोड़ क्षेत्र में मिली सिर कटी लाश की खौफनाक कहानी ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया था। लेकिन अब स्वाट टीम ट्रांस हिंडन जोन और टीला मोड़ पुलिस की कड़ी मेहनत और सूझबूझ ने इस खौफनाक रहस्य से पर्दा उठा दिया है। कानून की पैनी निगाह और सख्त जांच के आगे अपराधी घुटने टेकने को मजबूर हो गए। पुलिस ने इस नृशंस हत्याकांड में दो खूंखार आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से एक ऑटो रिक्शा, एक ई-रिक्शा और घटना में इस्तेमाल धारदार चाकू भी बरामद किए हैं।
इस संबंध में ट्रांस हिंडन के डीसीपी निमिष पाटिल ने ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि 22 जून की रात जब लोग सो रहे थे, लोनी भाऊपुरा रोड के किनारे एक क्रूर खेल खेला जा रहा था। नाले के पास एक अज्ञात सिर कटी लाश मिलने से पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। पुलिस ने इस कृत्य को गंभीरता से लिया और तुरंत जांच का जिम्मा संभाला। अंधेरे में छिपे सच को उजागर करने के लिए सीसीटीवी फुटेज, मुखबिर की सूचना और डिजिटल तरीकों का इस्तेमाल किया गया। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार आरोपी विकास उर्फ मोटा और धनज्या ने पूछताछ में खुलासा किया कि तंत्र-मंत्र के अंधविश्वास के चलते हत्या की गई थी। उन्होंने बताया कि मृतक को पहले शराब पिलाई गई और फिर तौलिए से गला घोंटकर हत्या कर दी गई। शव को छिपाने के लिए उसे ऑटो रिक्शा में डालकर जंगल में ले गए, जहां उन्होंने सिर को धड़ से अलग कर दिया। इस सिर को तंत्र-मंत्र के अनुष्ठान में इस्तेमाल करने की मंशा थी।
उन्होंने कहा कि इस जघन्य अपराध का तीसरा आरोपी विकास उर्फ परमात्मा अभी भी फरार है, लेकिन उसे पकड़ने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। बता दें कि टीला मोड़ पुलिस और स्वाट टीम की त्वरित कार्रवाई ने न सिर्फ अपराधियों को बेनकाब किया, बल्कि इस घटना ने कानून व्यवस्था की साख को भी मजबूत किया है। यह सफलता पुलिस की सूझबूझ और सटीक रणनीति का नतीजा है, जिसने इस जघन्य अपराध के अंधेरे को चीर कर सच को सामने ला दिया। यह भयावह घटना अंधविश्वास और काले जादू के घिनौने चेहरे को उजागर करती है। पुलिस की सतर्कता और त्वरित कार्रवाई ने यह स्पष्ट कर दिया है कि कोई भी अपराधी कानून से बच नहीं सकता, चाहे वह कितना भी चालाक क्यों न हो।