गाजियाबाद। हिंदू विचारक विनोद सर्वोदय की अध्यक्षता में गाज़ियाबाद के आरडीसी में एक होटल में विश्व धर्म संसद के आयोजन की पहली आधिकारिक बैठक का आयोजन हुआ।
विश्व धर्म संसद का आयोजन 17 दिसंबर से 21 दिसंबर तक शिवशक्ति धाम डासना में यति नरसिंहानंद सरस्वती फाउंडेशन के द्वारा अन्य संस्थाओं के सहयोग से किया जाएगा।
बैठक को सम्बोधित करते हुए शिवशक्ति धाम डासना के पीठाधीश्वर व श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी ने कहा कि आज इस तरह से भारत के प्रधानमंत्री को जगह जगह अपनी सभाओं में इस्लामिक जिहाद की चर्चा करनी पड़ रही है। ये बहुत ही चिंता की बात है।यह दर्शाता है कि स्थिति अब कितनी खराब हो चुकी है।
प्रधानमंत्री ने अपनी चुनावी सभाओं में वही सब कुछ कहा है जो हम पिछले अनेक वर्षों से कहते आ रहे हैं। आज प्रधानमंत्री की बात को गम्भीरता से लेकर इसका समाधान खोजने की जरूरत है। हमे यह भी समझना पड़ेगा कि इस्लामिक जिहाद किसी समुदाय विशेष,किसी क्षेत्र विशेष या देश विशेष की समस्या नहीं है बल्कि सम्पूर्ण विश्व के गैर मुस्लिमों की समस्या है और इसके समाधान के लिये विश्व स्तर के प्रयास अति आवश्यक है। विश्व धर्म संसद इसका रास्ता खोजने का कार्य करेगी।विश्व धर्म संसद के लिए चारों पीठों के जगद्गुरु शंकराचार्य को मार्गदर्शन के लिये निवेदन किया है। अब हम देश के सभी पंथों,सम्प्रदाय और धार्मिक समूहों के धर्मगुरुओं से विश्व धर्म संसद का सहयोगी बनने का निवेदन करेंगे।
बैठक को सम्बोधित करते हुए सुप्रसिद्ध विचारक तुफैल चतुर्वेदी ने कहा कि जिहाद की विभीषिका को न समझने के कारण आज सम्पूर्ण मानवता विनाश की ओर तेजी से जा रही है। हम सनातन धर्म के मानने वाले इस्लामिक जिहाद के सबसे निरीह शिकार रहे हैं।
बैठक को सम्बोधित करते हुए विनोद सर्वोदय ने कहा कि जो अमानवीयता गत वर्ष सात अक्टूबर को हमास के जिहादियों ने निर्दोष यहूदियों के साथ दिखाई। वह उन्होंने हजारों बार हमारे साथ किया है। अब समय आ गया है कि हम हिन्दू दुनिया को दिखाए कि हम अहिंसक हैं, परंतु कायर या कमजोर नहीं।बैठक में अक्षय त्यागी ने कहा कि यह एक दैवीय आयोजन होगा।
बैठक में अनिल यादव,बृजमोहन सिंह,नीरज त्यागी,संजय त्यागी,नरेंद्र त्यागी,मोहित बजरंगी तथा अन्य गणमान्य उपस्थित थे।