गोरखपुर। गोरखपुर जिले के कैम्पियरगंज थाना क्षेत्र में एक युवती द्वारा इंस्टाग्राम पर आत्महत्या की धमकी वाला वीडियो पोस्ट करने से हड़कंप मच गया। यह वीडियो सोशल मीडिया कंपनी मेटा के माध्यम से उत्तर प्रदेश पुलिस के पास पहुंचा। घटना के पीछे की सच्चाई सामने आने पर सभी हैरान रह गए। युवती ने यह वीडियो सिर्फ इंस्टाग्राम पर ज्यादा लाइक्स पाने के मकसद से बनाया था।
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मेटा ने उत्तर प्रदेश के डीजीपी कार्यालय को अलर्ट मैसेज भेजा, जिसमें बताया गया कि गोरखपुर के कैम्पियरगंज क्षेत्र में रहने वाली एक युवती ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर आत्महत्या का वीडियो पोस्ट किया है। वीडियो में युवती हाथ में कीटनाशक की बोतल लेकर कह रही थी, “मैं आत्महत्या करने जा रही हूं।”
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इस अलर्ट के बाद डीजीपी प्रशांत कुमार ने तुरंत मामले को गंभीरता से लेते हुए गोरखपुर पुलिस को निर्देश दिया। पुलिस ने सर्विलांस की मदद से युवती की लोकेशन ट्रेस की और मात्र 30 मिनट के भीतर उसके घर पहुंच गई।
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जब पुलिस ने युवती के घर पहुंचकर छानबीन की, तो पता चला कि युवती बिलकुल सुरक्षित थी। जब उससे वीडियो के बारे में पूछा गया, तो उसने खुलासा किया कि उसने यह वीडियो सिर्फ इंस्टाग्राम पर ज्यादा लाइक्स पाने के लिए बनाया था।
युवती ने कहा, “मेरे पोस्ट पर बहुत कम लाइक्स आते थे। इसलिए मैंने मजाक में यह वीडियो बनाया। बोतल में कीटनाशक नहीं, बल्कि पानी भरा हुआ था। मेरा मकसद सिर्फ यह था कि लोग मुझे नोटिस करें।”
पुलिस ने युवती की काउंसलिंग की और उसे सोशल मीडिया के दुरुपयोग के खतरों के बारे में समझाया। युवती ने अपनी गलती स्वीकार की और भविष्य में इस तरह की हरकत न करने का वादा किया।
युवती के माता-पिता ने इस घटना पर अफसोस जताते हुए पुलिस का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “हम अपनी बेटी की इस हरकत के लिए माफी मांगते हैं। यह घटना हमारे लिए भी एक सीख है। हम सुनिश्चित करेंगे कि वह दोबारा ऐसा न करे।”
यह घटना सोशल मीडिया पर लाइक्स और फॉलोअर्स के लिए युवाओं के बढ़ते क्रेज को उजागर करती है। उत्तर प्रदेश पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी 2023 से नवंबर 2024 के बीच ऐसे 605 मामले सामने आए, जिनमें लोगों ने सोशल मीडिया पर आत्महत्या की धमकी दी थी। इन मामलों में पुलिस की तत्परता से कई जानें बचाई गईं।
डीजीपी प्रशांत कुमार ने घटना के बाद कहा, “हमारी टीम हर सोशल मीडिया अलर्ट को गंभीरता से लेती है। यह हमारी प्राथमिकता है कि लोगों की जान बचाई जाए।”
यह घटना एक गंभीर चेतावनी है कि सोशल मीडिया का प्रभाव किस हद तक लोगों के मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। लाइक्स और फॉलोअर्स की दौड़ में युवा खतरनाक कदम उठाने को तैयार हो जाते हैं। यह जरूरी है कि परिवार और समाज उन्हें समय रहते सही मार्गदर्शन दें।
यूपी पुलिस की सतर्कता और संवेदनशीलता ने एक संभावित त्रासदी को टाल दिया। यह घटना हमें बताती है कि सोशल मीडिया का उपयोग जिम्मेदारी से करना कितना महत्वपूर्ण है।