नयी दिल्ली। विपक्ष ने सोमवार को राज्यसभा में कहा कि सरकार को सौर ऊर्जा के क्षेत्र में बड़ी-बड़ी घोषणाओं से बचना चाहिए और वैश्विक सोच के साथ स्थानीयता पर जोर देना चाहिए।
तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन ने सदन में नवीन एवं नवीनीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा शुरू करते हुए कहा कि सरकार सौर ऊर्जा के क्षेत्र में बड़ी-बड़ी घोषणाएं कर रही है, लेकिन परिणाम नहीं आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि पीएम कुसुम योजना केवल तीन प्रतिशत लक्ष्य हासिल कर पायी है। अंतराष्ट्रीय सौर गठबंधन और हरित ऊर्जा मिशन जैसी घोषणाओं से अपेक्षित परिणाम प्राप्त नहीं हुए। उन्होंने कहा कि सरकार को गृह मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय जैसे मंत्रालय के कामकाज पर भी चर्चा करानी चाहिए।
ब्रायन ने कहा कि सौर ऊर्जा के क्षेत्र में स्थानीय प्रशासन को शामिल करते हुए इसे लागू करना चाहिए। सरकार को अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी लाने पर जोर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा के क्षेत्र में वैश्विक सोच के साथ सरकार को स्थानीयता पर जोर देना चाहिए।
भारतीय जनता पार्टी के लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने कहा कि सरकार सौर ऊर्जा के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार ने इस क्षेत्र में भारी निवेश किया है। इससे जनता को न केवल निशुल्क बिजली मिलेगी बल्कि उसकी आय में भी वृद्धि होगी। सौर ऊर्जा से रोजगार के क्षेत्र में बदलाव आ रहा है। तटीय पवन ऊर्जा भी नवीनीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में नया आयाम है। उन्होंने कहा कि नवीनीकरणीय ऊर्जा से कार्बन उत्सर्जन कम होगा और विदेशी मुद्रा बचाने में मदद मिलेगी। ऊर्जा के क्षेत्र में भारत आत्मनिर्भर हो सकेगा।