देवबंद। देवबंद में कुटी रोड़ पर स्थित सिद्धकुटी में गौवंश आश्रय स्थल की 95 फीट लंबी और आठ फुट 50 इंच ऊंची दीवार भारी बारिश से भरभराकर ढह गई। उसके मलबे के नीचे दब जाने से एक दूध देती गाय, दो बछड़ों और दो बछड़ियों की भी मौत हो गई और इस प्राकृतिक आपदा में आश्रम के तीन कर्मचारी जो गौवंश की सेवा में लगे हैं भी घायल हो गए।
सिद्धकुटी के अधिष्ठाता योगाचार्य डा. स्वामी शांतनु जी महाराज ने आज शनिवार को मौन व्रत होने के बावजूद पत्रकारों को लिखकर बताया कि वैसे तो गौवंश स्थल की दीवार करीब दो सौ ढाई सौ फीट लंबी है लेकिन उसका करीब 95 फीट लंबा हिस्सा भारी बारिश और जल जमाव में ध्वस्त हो गया। इसमें एक कर्मचारी महावीर सिंह के पैर की हड्डी टूट गई और एक अन्य कर्मचारी आशीष कुमार आर्य के हाथ-पैर में गंभीर चोट आ गई।
तीसरा कर्मचारी विकास कुमार भी गंभीर रूप से घायल हो गया। स्वामी शांतनु जी महाराज ने बताया कि ये तीनों कर्मचारी गौवंश को बचाने के दौरान घायल हुए है। उन्होंने बताया कि दीवार गिर जाने और भारी पानी भर जाने से गौवंश के लिए इकट्ठा किया गया करीब 125
क्विंटल भूस भी पानी में बह गया है। स्वामी जी के मुताबिक इस आश्रम में 90–95 गौवंश हैं। भारी बारिश के कारण और भूस के बह जाने से गायों के सामने चारे का संकट भी पैदा हो गया है। उन्होंने शासन-प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है।