बांदा। जिले के बबेरू कस्बे में 15 दिन पहले परिषदीय स्कूलों में बंटने आई हजारों की तादाद में किताबें बरामद की गई थी। इसी कस्बे में एक बार फिर से एक कबाड़ी की दुकान में 1268 किताबें बरामद हुई है। यह पुस्तकें इसी सत्र के लिए बच्चों को नि:शुल्क बांटने के लिए आई थी।
कक्षा 1 से लेकर 8 तक के छात्र-छात्राओं को सरकारी किताबें नि:शुल्क दिए जाने की सरकार की बहुआयामी योजना है। लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारी ही इस योजना को मटियामेट करने में जुटे हैं।
15 दिन पहले 5519 किताबें कबाड़ी को बेचने का मामला ठंडा नहीं हुआ। बेसिक शिक्षाधिकारी ने जांच पड़ताल के नाम पर इस मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया।
खंड शिक्षाधिकारी पर कोई कार्यवाही नहीं की गयी है। 15 दिन नहीं बीतने पाए कि वर्ष 2022—23 की 1268 किताबें कबाड़ी को बेची गयी।
इससे साफ जाहिर होता है कि खंड शिक्षाधिकारी बबेरु की मिली भगत से बच्चों के योजनाओं में सरेआम डांका डाला जा रहा है। पिछले मामले में आला अफसरों ने कोई ठोस कार्यवाही नहीं की, इससे बच्चों के हक को लूटने वालों के हौसला बुलंद है।
पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर कबाड़ी दुकानदार विमल साहू की दुकान में छापा डाला, जहां 1268 सरकारी किताबें वर्ष 2022.23 की बरामद हुई। जिसे गिरफ्तार कर लिया गया। इस पर धारा 411, 413 के तहत कार्यवाही की गई है।
अभी 15 दिन पूर्व ही बबेरू में इसी मोहल्ले में एक कबाड़ी की दुकान से पांच फरवरी को 5519 किताबें बरामद हुई थी। इसमें बीएसए ने एक शिक्षक को निलंबित कर दिया था। टीम गठित कर मामले की जांच की जा रही है।
अभी जांच पूरी भी नहीं हो सकी कि सरकारी किताबें बरामद होने की दूसरी घटना सामने आ गई है।क्षेत्राधिकारी बबेरू आरके सिंह द्वारा इस मामले की पुष्टि की गई है।