Friday, May 17, 2024

राजस्थान चुनाव में सरकार सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स से लेगी जीत के लिए मदद, प्रति माह दिए जाएंगे 5 लाख तक के विज्ञापन

मुज़फ्फर नगर लोकसभा सीट से आप किसे सांसद चुनना चाहते हैं |

जयपुर। राजस्थान सरकार ने आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राज्य में सोशल मीडिया इंफ्लुएंसरों को पांच लाख रुपये के विज्ञापन देने की घोषणा की है। सूचना और जनसंपर्क विभाग (डीआईपीआर) द्वारा जारी एक अधिसूचना में कहा गया है कि फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम या यूट्यूब पर 10,000 से अधिक फॉलोअर्स वाला कोई भी प्रभावशाली व्यक्ति 10,000 रुपये से पांच लाख रुपये प्रति माह तक के विज्ञापन दिए जा सकते हैं।

न्यूनतम 10 लाख ‘फॉलोअर्स’ वाले ‘इन्फ्लुएंसर्स’ उच्चतम ‘ए’ श्रेणी में आएंगे। ‘बी’ श्रेणी में पांच लाख ‘फॉलोअर्स’ वाले और ‘सी’ श्रेणी में एक लाख ‘फॉलोअर्स’ वाले शामिल होंगे। कम से कम 10,000 फॉलोअर्स वालों को ‘डी’ श्रेणी में रखा जायेगा।

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

श्रेणी ‘ए’ के लिए मापदंड 150 पोस्ट या 100 वीडियो प्रतिमाह निर्धारित किया गया, जबकि श्रेणी ‘बी’ के लिए यह न्यूनतम 60 वीडियो या 100 पोस्ट प्रतिमाह है।

सरकार के अनुसार, ‘ए’ श्रेणी के उपयोगकर्ताओं को प्रति माह पांच लाख रुपये तक का भुगतान किया जाएगा, जबकि बी, सी और डी श्रेणी के ‘इन्फ्लुएंसर्स’ राज्य की योजनाओं का प्रचार करके क्रमश: दो लाख रुपये, 50,000 रुपये और 10,000 रुपये तक कमा सकते हैं।

सरकारी अधिकारियों के अनुसार राजस्थानी कला, संस्कृति और विकास से संबंधित सामग्री साझा करने वाले उपयोगकर्ताओं को प्राथमिकता दी जाएगी। ऐसी कोई भी सामग्री जो ‘राष्ट्र-विरोधी’ या ‘अश्लील’ प्रकृति की होगी, उसे पोस्ट करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

अधिकारियों ने कहा कि डीआईपीआर जल्द ही ऐसे प्रभावशाली लोगों का पैनल बनाएगा और प्रक्रिया एक या दो सप्ताह में शुरू हो जाएगी। डीआईपीआर ने फॉलोअर्स की संख्या के आधार पर प्रभावशाली लोगों के लिए चार श्रेणियां तैयार की हैं, जिसमें फॉलोअर्स के छह महीने के इतिहास का मूल्यांकन किया जा रहा है।

एमफ्लुएंसर के सीईओ भूपेन्द्र सिंह ने आईएएनएस को बताया कि कंपनी का आधिकारिक बयान है कि अगला चुनाव सोशल मीडिया के जरिए लड़ा जाएगा। सिंह ने कहा, “यह कोई नई घटना नहीं है। 2014 और 2019 का चुनाव भी सोशल मीडिया के जरिए लड़ा गया था। अब, 2024 में सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। आईटी सेल के बाद, आप आने वाले वर्षों में पार्टियों के भीतर एक अलग ‘इंफ्लुएंसर सेल’ देख सकते हैं।

उन्होंने कहा कि पहले राजनीतिक दल बॉलीवुड सितारों, टीवी हस्तियों और खिलाड़ियों को शामिल करते थे और वे चुनाव के दौरान प्रचार करते थे। यही बात अब सोशल मीडिया इंफ्लुएंसरों पर भी लागू हो गई है। इसका मुख्य कारण उनका फॉलोअर बेस और दर्शक हैं।

उन्होंने कहा कि न केवल राजस्थान में कांग्रेस सरकार बल्कि भाजपा भी बड़ी संख्या में ऑनलाइन फॉलोअर्स वाले हास्य कलाकारों, भजन गायकों, फूड व्लॉगर्स, नर्तकों और इंफ्लुएंसरों को लुभाने की योजना बना रही है।

सिंह ने कहा, “उद्देश्य अगले साल के लोकसभा चुनाव अभियान के साथ-साथ आगामी विधानसभा चुनावों में बढ़त हासिल करना है।”

उन्होंने कहा कि भाजपा मौजूदा वैचारिक सहानुभूति रखने वालों से परे, सार्वजनिक पहुंच वाले सोशल मीडिया आइकनों को लुभाने और नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा किए गए कार्यों को बढ़ावा देने पर विचार कर रही है।

सिंह ने कहा कि आज हर पार्टी सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर के साथ जुड़ना चाहती है क्योंकि अधिकांश युवा आबादी अब टीवी चैनल की बजाय सोशल मीडिया पर रील्स या यूट्यूब वीडियो या ओटीटी देखने में अधिक समय बिता रही है। राजनीतिक दल इन इंफ्लुएंसर के माध्यम से बड़े पैमाने पर दर्शकों, खासकर युवा आबादी तक पहुंचना चाहते हैं।”

सिंह ने कहा कि भारत में 24 करोड़ से ज्‍यादा लोग इंस्टाग्राम और 25.2 करोड़ से ज्‍यादा यूट्यूब इस्‍तेमाल करते हैं। एक औसत भारतीय प्रतिदिन लगभग 2.36 घंटे सोशल मीडिया पर बिताता है।

सिंह ने कहा, “सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर के साथ जुड़ना कम समय में इतने बड़े दर्शकों तक पहुंचने का सबसे अच्छा तरीका है और इसलिए प्रवृत्ति में यह बदलाव आया है।”

Related Articles

STAY CONNECTED

74,237FansLike
5,309FollowersFollow
47,101SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय