मेरठ। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि कृषि विश्वविद्यालय से मेडल लेने वाले सभी छात्राएं कृषि क्षेत्र में आजीविका बनाने का काम करें।
भारत को विकसित और आत्मनिर्भर बनाने के लिए कक्षाओं को खेत खलियानों तक ले जाएं। विश्व भर में भारत सबसे बड़ा कृषि सेक्टर है। सभी छात्र-छात्राएं किताबी शिक्षा ग्रहण करने के बाद कौशल विकास के लिए धरातल पर जाकर कम करें। मिट्टी में कार्य की क्षमता को पहचानें, यह ज्ञान भी बेहद जरूरी है।
यह संदेश राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने बुधवार को सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय में आयोजित 17 वें दीक्षांत समारोह में छात्र छात्राओं को मेडल देने के बाद संबोधित करते हुए दिया। उन्होंने विश्वविद्यालय के 15 छात्र-छात्राओं को स्वर्ण पदक रजत पदक और कांस्य पदक देकर पुरस्कृत किया।
उन्होंने जहां छात्र-छात्राओं को श्रेष्ठ रिजल्ट प्राप्त करने पर बधाई दी, कहा कि देश के उत्थान में और भारत को विकसित करने में सभी का अहम योगदान होना चाहिए। उन्होंने क्रांति धरा को नमन करते हुए सरदार वल्लभभाई पटेल की जीवनी पर भी प्रकाश डाला और कहा कि मेरठ क्रांतिधरा ही नहीं बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक इतिहास भी समेटे हुए है।
उन्होंने सभी छात्र-छात्राओं से आह्वान किया कि वह स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े सभी लोगों की जीवनी को अवश्य पढ़ें, ताकि पता चले कि हमारे देश के क्रांतिकारियों ने कितना संघर्ष इस भारतवर्ष को बनाने में किया है। देश का जवान सीमा पर रक्षा करता है और किसान खेत में अन्य पैदा करता है।
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत को विकसित और आत्मनिर्भर बनाने का काम कर रहे हैं। देश की बढ़ती आबादी और घटती भूमि में कैसे अन्न का अधिक उत्पादन हो और किसानों की आय दोगुनी हो इस पर सरकार काम कर रही है। उन्होंने छात्र-छात्राओं से आवाहन किया कि वह स्टार्टअप बनाकर कृषि क्षेत्र में कम करें।