बदायूँ- उत्तर प्रदेश में बदायूं जिले की सदर तहसील के एसडीएम ने विधि व्यवस्थाओं को नजर अंदाज करते हुए राज्यपाल के नाम सम्मन जारी कर दिया जिसके बाद राज्यपाल के सचिव ने जिलाधिकारी को चेतावनी जारी की है।
अधिकृत सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि 18 अक्टूबर को राज्यपाल को सम्मन जारी करके एसडीएम कोर्ट में अपना पक्ष रखने को हाजिर होने का आदेश दिया गया जिसके बाद राज्यपाल के सचिव ने डीएम को पत्र भेजकर चेतावनी जारी की है जिसमें उल्लेखित है कि संविधान के अनुच्छेद 361के अनुसार संवैधानिक पद पर आसीन व्यक्ति के खिलाफ कोई समन या नोटिस जारी नहीं किया जा सकता है ।
जिले के सदर तहसील क्षेत्र के ग्राम लोड़ा बहेड़ी निवासी चंद्रहास ने सदर तहसील के एसडीएम न्यायिक कोर्ट में विपक्षी पक्षकार के रूप में लेखराज, पीडब्ल्यूडी के संबंधित अधिकारी व राज्यपाल को पक्षकार बनाते हुए वाद दायर किया था। एसडीएम न्यायिक कोर्ट में दायर याचिका के मुताबिक आरोप है कि उसकी चाची कटोरी देवी की संपत्ति उनके एक रिश्तेदार ने अपने नाम दर्ज करा ली। इसके बाद में उसको लेखराज के नाम बेच दी। कुछ दिन बाद बदायूं बाईपास स्थित ग्राम बहेड़ी के समीप उक्त जमीन का कुछ हिस्सा शासन द्वारा अधिग्रहण कर लिया गया था।
उस संपत्ति के अधिग्रहण होने के बाद लेखराज को शासन से करीब 12 लाख रुपये की धनराशि मुआवजे के रूप में मिली। जानकारी होने पर कटोरी देवी के भतीजे चंद्रहास ने सदर तहसील के न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट में याचिका दायर की।
इस याचिका पर एसडीएम न्यायिक विनीत कुमार की कोर्ट से लेखराज एव प्रदेश के राज्यपाल को 07 अक्टूबर को धारा 144 राज्य संहिता के तहत एक सम्मन जारी किया गया जो 10 अक्टूबर को राजभवन पहुंचा जिसने राज्यपाल को 18 अक्टूबर को एसडीएम न्यायिक की कोर्ट में हाजिर होकर पक्ष रखने और अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया गया।
पत्र मिलते ही राज्यपाल सचिवालय में हड़कंप मच गया। राज्यपाल सचिवालय में विशेष सचिव बद्रीनाथ सिंह द्वारा 16 अक्टूबर को डीएम बदायूं को जारी पत्र में इस बात का उल्लेख किया गया है कि संवैधानिक पद पर आसीन व्यक्ति के खिलाफ कोई सम्मन या नोटिस जारी नहीं किया जा सकता। इसे संविधान के अनुच्छेद 361 का उल्लंघन मानते हुए इस पर घोर आपत्ति दर्ज कराई गई है।राज्यपाल के विशेष सचिव बद्रीनाथ सिंह ने डीएम बदायूं से को नियमानुसार पक्ष रखने व नोटिस जारी करने वाले के संबंध में आवश्यक कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए गए।
जिलाधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि उनके कार्यालय में राज्यपाल के सचिव का पत्र प्राप्त हुआ। पत्र के माध्यम से ज्ञात हुआ कि राज्यपाल को एसडीएम सदर (न्यायिक) विनीत कुमार की कोर्ट से धारा 144 रा0स0 के तहत एक सम्मन जारी किया गया था। राज्यपाल के विशेष सचिव बद्रीनाथ सिंह ने पत्र में बताया कि राज्यपाल को सम्मन या नोटिस जारी नही किया जा सकता है ।अतः सम्बंधित अधिकारी को ये बता दिया जाए कि ये धारा 361 का उल्लंघन है जिससे भविष्य में ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न हो। डीएम ने बताया कि संबंधित न्यायिक मजिस्ट्रेट विनीत कुमार को राजपाल द्वारा जारी किए गए पत्र और चेतावनी से अवगत करा दिया गया है।