Sunday, December 22, 2024

नाना, दादी, पिता सबने किया गरीबों की झोंपड़ी में जाकर फोटो खिंचाने का ड्रामा : मोदी

झाबुआ,- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बिना किसी का नाम लिए कांग्रेस के गांधी-नेहरू परिवार पर हमला बोलते हुए कहा कि ‘नाना, दादी, पिता’ सबने बस गरीबों की झोंपड़ी में जोकर फोटो खिंचाने का ड्रामा किया और जिन बच्चों को सही पोषण नहीं मिलता था, वो कांग्रेस नेताओं की तस्वीरें सजाने के काम आते थे।

श्री मोदी मध्यप्रदेश के आदिवासीबहुल झाबुआ जिले में भारतीय जनता पार्टी प्रत्याशियों के समर्थन में चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे। राज्य में चुनाव प्रचार का कल अंतिम दिन है। ऐसे में श्री मोदी की विधानसभा चुनाव में ये प्रचार की अंतिम चुनावी सभा थी। इसके पहले उन्होंने आज राज्य के बैतूल और शाजापुर में भी चुनावी सभाओं को संबोधित किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा आदिवासी समाज को वोट बैंक के तौर पर देखा। उन्होंने मध्यप्रदेश, गुजरात और राजस्थान के सीमावर्ती क्षेत्र झाबुआ के संदर्भ मे कहा कि यहां के लोग राजस्थान भी आते जाते हैं और देखते हैं कि वहां भी आदिवासी समाज कांग्रेस से भड़का हुआ है। मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के आदिवासी भी कांग्रेस से नाराज हैं और भाजपा पर अभूतपूर्व उत्साह दिख रहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पर आदिवासियों के गुस्से और भाजपा पर भरोसे के ठोस कारण हैं। कांग्रेस काल में आदिवासी क्षेत्रों से सिर्फ भुखमरी की खबरें आती थीं। कांग्रेस नेता गरीबों की झोंपड़ियों में जाकर फोटो खिंचवाते, उनकी गरीबी दिखाते और एक बार खुद की फोटो चमकने पर उस परिवार को भूल जाते। इसी क्रम में उन्होंने कहा कि नाना, दादी, पिता सबने यही ड्रामा किया। जिन बच्चों को सही पोषण नहीं मिलता था, वो कांग्रेस नेताओं की तस्वीरें सजाने के काम आते थे।

उन्होंने कहा कि ये सब बताते हुए पीड़ा होती है, पर सच्चाई बताना जरूरी है। क्या गरीबी उनके फोटो के लिए है। इसी सोच के कारण आदिवासी दशकों तक हाशिए पर रहे। ये अन्याय अगर जारी रहता तो भारत कभी आगे नहीं बढ़ सकता था।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस क्षेत्र के लोगों का गुजरात में इतना आना जाना है, वहां कुछ महीने पहले चुनाव हुए हैं। अंबाजी से लेकर उमरगाम तक पूरे आदिवासी पट्टे में कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया है। आदिवासी समाज ने कांग्रेस को पूरी तरह नकार दिया है।

कड़कनाथ मुर्गे के लिए देश भर में मशहूर इस क्षेत्र में श्री मोदी ने अपनी बात के समर्थन में मुर्गी और अंडे का उदाहरण भी दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस वाले कहते थे कि सरकार की योजना में इतना लोन मिलेगा। इतनी मुर्गी आएगी, इतने अंडे होगे। आदिवासी सोचता था कि लोन मिल रहा है, अब वो अंडे और मुर्गियों से पैसा कमा सकेगा। कांग्रेस वालों के भरोसे पर वो लोन ले लेता था। शाम को मुर्गी घर पहुंच नहीं पाती थी, इतने में ‘लाल लाइट’ वाली गाड़ी आ जाती थी। गाड़ी वाला कहता, मुर्गी तो बहुत अच्छी है और उसी रात वो साफ हो जाती थी। हफ्ते बाद दूसरा नेता या बाबू आता, दो और मुर्गी चली जातीं थीं। इस तरह आदिवासी कर्जदार बन जाता था।

उन्होंने कहा कि झाबुआ हथकरघा के लिए भी पहचाना जाता है। भाजपा सरकार पद्मश्री देती है तो यहां के लोगों काे भी तलाशती है। यहां की बहनें आकर्षक वस्तुएं बनाती हैं। इसके साथ ही उन्होंने पूछा कि ये काम मोदी के आने के पहले नहीं होता था क्या। पहले भी कांग्रेस के जमाने में आपके पुरखे भी करते थे, पर मोदी ने पहली बार पीएम विश्वकर्मा योजना दी। इसमें आदिवासियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा, इस पर 13 हजार करोड़ रुपए खर्च होने जा रहे हैं। कांग्रेस जनता की आकांक्षाओ को नहीं, कुछ परिवारों का लालच पूरी करने वाली पार्टी है। उन्हें एक ही चिंता है कि तीन दिसंबर के बाद किसके बेटे का कब्जा मध्यप्रदेश कांग्रेस पर हेगा।

उन्होंने कहा कि झाबुआ-अलीराजपुर मध्यप्रदेश, गुजरात और राजस्थान की संगम स्थली है। यहां की भाषा, बोली, रहन सहन सब कुछ एक जैसा है। उन्होंने कहा कि उनका संगठन के काम के दौरान यहां कई परिवारों से बरसों का नाता रहा, ऐसे में ये क्षेत्र उन्हें अपने ही घर जैसा लगता है। उन्होंने कहा कि कल राज्य में चुनाव प्रचार समाप्त हो जाएगा, पर कल वे झारखंड में रहेंगे और ऐसे में उनके घर में उनकी ये आखिरी सभा हो रही है। उन्होंने कहा कि उनकी ये आखिरी सभा चुनाव नतीजों में नंबर वन बन जाएगी, इस बात का उन्हें पूरा विश्वास है।

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