Thursday, January 23, 2025

वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का होगा एएसआई सर्वे, 4 अगस्त तक देनी होगी रिपोर्ट, अदालत ने दिया बड़ा फैसला

वाराणसी- ज्ञानवापी परिसर के एएसआई सर्वे पर वाराणसी जिला कोर्ट की ओर से बड़ा फैसला आ गया है। वुजुखाने को छोड़कर पूरे ज्ञानवापी परिसर का एएसआई सर्वे कराने की मांग को कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। हिंदू पक्ष की ओर से की गई मांग को कोर्ट ने मान लिया है। सर्वे की रिपोर्ट 4 अगस्त तक पूरी करनी होगी।

जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की कोर्ट ने मामले में सुनवाई पूरी करने के बाद शुक्रवार को दोपहर बाद करीब 4 बजे यह फैसला सुनाया। हिंदू पक्ष की ओर से विवादित हिस्से को छोड़कर पूरे परिसर की वैज्ञानिक सर्वे की मांग की गई थी। इस पर तीन दिनों की सुनवाई के बाद 14 जुलाई को फैसला सुरक्षित रखा गया था।

फैसले के संबंध में हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि कोर्ट ने विवादित हिस्से को छोड़कर पूरे परिसर का वैज्ञानिक सर्वे कराने का आदेश दिया है।

श्रृंगार गौरी-ज्ञानवापी मामले में चार हिंदू महिला वादी के वकील विष्णु शंकर जैन ने 16 मई को जिला अदालत में आवेदन दायर किया। बाद में ज्ञानवापी मस्जिद का प्रबंधन करने वाली अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी (एआईएमसी) ने इस मामले में आपत्ति दर्ज कराई। श्रृंगार गौरी-ज्ञानवापी मामले में उत्तर प्रदेश (यूपी) सरकार के विशेष वकील राजेश मिश्रा ने कहा कि अदालत ने ज्ञानवापी के बैरिकेड क्षेत्र में एएसआई सर्वेक्षण की मांग वाले आवेदन में दोनों पक्षों की दलीलें सुनीं और सुनवाई शुक्रवार को पूरी हो गई। इससे पहले अदालत ने मामले में अपना आदेश 21 जुलाई के लिए सुरक्षित रख लिया था।

ज्ञानवापी मस्जिद मामले में मुस्लिम पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील रईस अहमद अंसारी ने कहा कि आज कोई सुनवाई नहीं हो रही है और केवल एक आदेश पारित किया जा रहा है। दूसरे पक्ष द्वारा एएसआई सर्वेक्षण की मांग की जा रही है। ज्ञानवापी परिसर के गुंबद के नीचे मंदिर के शिखर के अवशेष हैं। इसके अलावा, मस्जिद की पश्चिमी दीवार मंदिर के अवशेष हैं। जैन ने दावा किया कि सील क्षेत्र को छोड़कर, ज्ञानवापी के बैरिकेड क्षेत्र में एएसआई सर्वेक्षण किया जाना चाहिए ताकि वास्तविक स्थिति स्पष्ट हो सके। वादी संख्या एक राखी सिंह के वकील अनुपम द्विवेदी ने एएसआई से सर्वे कराने की मांग का समर्थन किया।

एआईएमसी के वकील एखलाक अहमद ने ज्ञानवापी के बैरिकेडिंग क्षेत्र में सर्वेक्षण की मांग के खिलाफ दलील दी। उनकी तरफ से कहा गया कि नया सर्वेक्षण नहीं किया जा सकता क्योंकि ज्ञानवापी परिसर का सर्वेक्षण मई 2022 में सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की अदालत के आदेश पर अधिवक्ता आयुक्त द्वारा पहले ही किया जा चुका था। उस मामले का निपटारा नहीं हुआ है. इसलिए नये सर्वेक्षण की जरूरत नहीं है। केंद्र के स्थायी सरकारी वकील अमित कुमार श्रीवास्तव भी अदालत में मौजूद थे।

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