गाजियाबाद। मुस्लिम समुदाय की सबसे पुरानी संस्था पसमांदा मुस्लिम समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनीस मंसूरी ने आज गाजियाबाद में एक प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से केंद्रीय मंत्रालय दिल्ली हज कमेटी और देश के प्रधानमंत्री को मुस्लिम समुदाय के सऊदी अरब जाने वाले हाजियों को मिलने वाली सब्सिडी खत्म करने और 50 हजार रुपए की छूट वाली खबर को एक गुमराह करने वाला आदेश बताया।
उन्होंने बीते दिनों लखनऊ में आयोजित हुई पसमांदा मुस्लिम समाज की प्रेस कॉन्फ्रेंस का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि पसमांदा मुस्लिम समाज ने प्रधानमंत्री को लेटर के तौर पर जो हाजियों को देने वाली सब्सिडी के बारे में बात की गई थी उसको नजरअंदाज करते हुए सिर्फ हाजियों को गुमराही और मुस्लिम समुदाय को गुमराह किया जा रहा है।
अगर बात की जाए पसमांदा मुस्लिम समाज की तो लगातार मुस्लिम अल्पसंख्यकों की आवाज को बुलंद करते हुए कई सालों से यह संस्था कार्य कर रही है। हालांकि बसपा और सपा कार्यकाल में अनीस मंसूरी को मुस्लिम समुदाय का प्रतिनिधित्व करने के लिए मंत्री भी बनाया गया था। अब ऐसे में जब सत्ता हाथ से चली गई है और पसमांदा मुस्लिम समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनीस मंसूरी मुस्लिमों की आवाज को उठाने के लिए लगातार प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेटर लिख रहे हैं।
ऐसे में जहां एक तरफ केंद्र सरकार का कहना है कि मुस्लिम समुदाय को हज पर जाने के लिए फ्री वीजा और जो 50 हजार का सामान दिया जाता था, उसको खत्म कर दिया गया है। जिससे हाजियों के ऊपर यह दबाव होता था कि उनको यह सामान लेना जरूरी है वह अपने स्तर से अपने बजट के हिसाब से ला सकते हैं।
वहीं अनीस मंसूरी ने इन्हीं बातों को दोहराते हुए बताया कि पसमांदा मुस्लिम समाज लगातार मुख्तार अब्बास नकवी के द्वारा हज कमेटी केंद्र मंत्रालय से हज सब्सिडी खत्म किए जाने का विरोध कर रहा है और मांग कर रहा है कि हज सब्सिडी दोबारा से दी जाए ताकि ज्यादा से ज्यादा हज करने वाले लोग सऊदी अरब जा सके।
वही टर्की और सीरिया में आए भूकंप से आहत मुस्लिम लोगों के लिए अपनी संवेदना प्रकट करते हुए अनीस मंसूरी ने गाजियाबाद से एनडीआरएफ की टीम राहत बचाव कार्य जाने के लिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार प्रकट किया।
ऐसे में जब सत्ता हाथ में नहीं है तो पसमांदा मुस्लिम समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष का इस तरीके से बयान आना किसी हद तक विपक्ष में रहते हुए सरकार पर निशाना साधा है, और यही वजह है कि अनीस मंसूरी मुस्लिम समुदाय के ऊपर राजनीति करते हुए अपनी जमीनी राजनीति को एक वर्चस्व लेवल पर ले जाना चाहते हैं ताकि आने वाले समय में मुस्लिम समुदाय के वोट बैंक में अपना कब्जा जमा सके।