गुरुग्राम | हरियाणा रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (हरेरा), गुरुग्राम ने रियल एस्टेट प्रमोटर स्प्लेंडर लैंडबेस लिमिटेड को अपने आवंटियों को विलंबित कब्जा शुल्क (डीपीसी) का भुगतान करने का निर्देश दिया है। समझौते के अनुसार समय पर 7 फरवरी को अपनी इकाई रद्द करने की सूचना देते हुए। श्री पारसराम इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड बनाम स्प्लेंडर लैंडबेस लिमिटेड के रूप में संदर्भित मामला इस प्रकार प्राधिकरण द्वारा निपटाया गया है।
आदेश में कहा गया है, “प्रतिवादी प्रमोटर को निर्देश दिया जाता है कि कब्जे की देय तिथि से कब्जा प्रमाणपत्र (ओसी) प्राप्त करने तक देरी के प्रत्येक महीने के लिए ब्याज की निर्धारित दर 10.60 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से विलंबित कब्जा शुल्क का भुगतान करें और आरईआरए अधिनियम की धारा 19 (10) के अनुसार शिकायतकर्ता को दो महीने का भुगतान करें।”
अशोक सांगवान, विजय कुमार गोयल और संजीव कुमार अरोड़ा की पूर्ण पीठ के फैसले से मामले में शामिल 20 आवंटियों को फायदा होगा।
प्राधिकरण ने प्रमोटर को यह भी निर्देश दिया कि वह आबंटियों को कब्जे की देय तिथि से इसकी स्वीकार्यता तक अर्जित ब्याज की बकाया राशि का भुगतान करे।
प्राधिकरण ने कहा, “नियम 2017 के नियम 16 (2) के अनुसार इस आदेश की तारीख से 90 दिनों के भीतर प्रमोटरों द्वारा कब्जे की देय तिथि से इसकी स्वीकार्यता तक अर्जित इस तरह के ब्याज का बकाया भुगतान किया जाएगा।”
प्राधिकरण ने आवंटियों को 30 दिनों के भीतर प्रमोटर को बकाया राशि, यदि कोई हो, का भुगतान करने का भी निर्देश दिया।