नोएडा। जनपद में कोविड को लेकर फिर से सतर्कता बढ़ा दी गयी है। जनपद में और आसपास के जिलों में कोरोना वायरस के मामले सामने आने पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. सुनील कुमार शर्मा ने स्वास्थ्य केन्द्रों और अस्पतालों को सतर्क रहने के निर्देश दिये हैं वहीं आमजन से कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने की अपील की है।
सीएमओ ने बताया- वर्तमान में जनपद में 19 मामले कोविड के दर्ज हुए हैं। हालांकि इनमें कोई भी मरीज अस्पताल में भर्ती नहीं है, सभी होम आइसोलेशन में हैं। सभी पर नजर रखी जा रही है। उन्होंने बताया- सभी मरीजों ने जांच निजी लैब में करायी है। इन सबके जांच सैंपल जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए लखनऊ भेजे जाएंगे, जिससे यह पता चलेगा कि कोविड का कौन सा वेरिएंट (स्वरूप) है।
डा. शर्मा ने बताया- कोविड को लेकर स्वास्थ्य विभाग की तैयारियां पहले से हैं। नये मामले आने पर फिर से सभी स्वास्थ्य केन्द्रों और चिकित्सकों को सतर्क कर दिया गया है। सैंपलिंग और कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग बढ़ा दी गयी है। निजी लैब को निर्देश हैं कि वह कोरोना का पॉजिटिव मामला आने पर उसका सैंपल स्वास्थ्य विभाग को उपलब्ध कराएं ताकि उसकी जीनोम सीक्वेंसिंग कराया जा सके। सभी सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारियों को निर्देश दिए गए हैं कि ओपीडी में आने वाले सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन (सारी) और इन्फ्लूएंजा लाइक इलनेस (आईएलआई) के लक्षण वाले रोगियों की जांच कराएं। उनकी अच्छे से काउंसलिंग कर जरूरी एहतियात के बारे में उन्हें बताएं। एहतियात के तौर पर ब्लॉक स्तर पर आरआरटी (रेपिड रेस्पॉन्स टीम) सक्रिय कर दी गई हैं।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने जनपद वासियों से अपील की है कि वह कोविड प्रोटोकॉल का अच्छी तरह पालन करें, यानि मास्क लगाएं, भीड़ भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचें, हाथों को अच्छी तरह साबुन पानी से धोएं और सेनिटाइज करें। उन्होंने कहा बदलते मौसम में भी कोविड प्रोटोकॉल तमाम बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करता है, वैसे भी इन दिनों इंफ्लुएंजा (एच-3 एन-2) का खतरा चल रहा है।
उप जिला सर्विलांस अधिकारी एवं डिस्ट्रिक्ट पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट डा. अमित कुमार ने बताया- कोविड को लेकर सर्विलांस सिस्टम को मजबूत किया जा रहा है। टेस्टिंग, ट्रेसिंग बढ़ाई जा रही है। ट्रीटमेंट (उपचार) की व्यवस्था मजबूत की जा रही है। स्वास्थ्य केन्द्रों पर हेल्प डेस्क बनाई जा रही है। उन्होंने कहा लक्षण नजर आने पर घबराएं नहीं जांच कराएं। जरूरत होने पर हेल्पलाइन नंबर- 1800419211 पर कॉल करें।
क्या है जीनोम सीक्वेंसिंग
डा. अमित ने बताया- इस टेस्ट से यह पता लगाया जाता है कि लोग वायरस के किस वेरिएंट के कारण संक्रमित हो रहे हैं। इससे वायरस से संबंधित सभी जानकारी- उसके वेरिएंट, सब वेरिएंट और प्रकृति का पता लगाया जाता है।
कैसे होती है जांच
मनुष्य की कोशिकाओं के अंदर आनुवंशिक पदार्थ होता, जिसे डीएनए और आरएनए कहते हैं। इसे जीनोम भी कहते हैं। इसी तरह वायरस का भी डीएनए होता है। जीनोम सीक्वेंसिंग में डीएनए-आरएनए के अंदर मौजूद न्यूक्लियोटाइड के लयबद्ध क्रम का पता लगाया जाता है।