प्रयागराज। मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद को लेकर दाखिल सिविल वादों में वाद बिंदु तय करने के मुद्दे पर हाईकोर्ट में सुनवाई की गई।
मस्जिद पक्ष ने लिखित कथन (जवाबी हलफनामा) दाखिल करने के लिए कोर्ट से समय मांगा। मंदिर पक्ष ने इसका विरोध किया। कहा कि जवाब दाखिल करने का समय बीत चुका है। 18 सिविल वादों की सुनवाई इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन कर रहे हैं।
मंदिर पक्ष की तरफ से सत्यवीर सिंह ने कहा कि लिखित कथन अधिकतम 90 दिनों में दाखिल किया जाना चाहिए। मस्जिद पक्ष ने सीपीसी के आर्डर-7 रूल-11 का प्रार्थना पत्र दाखिल किया, किंतु सिविल वादों पर लिखित कथन दाखिल नहीं किया। केवल केस की सुनवाई लटकाये रखने के लिए समय मांगा गया है।
वाद संख्या-4 में श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति निर्माण ट्रस्ट के अध्यक्ष आशुतोष पांडेय ने गवाहों की सूची व साक्ष्य हलफनामे में दाखिल किया। गवाहों की सूची में मुख्यरूप से जगद्गुरू रामभद्राचार्य, आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री बागेश्वर धाम, प्रवीण भाई तोगड़िया, आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशनंद गिरी महाराज, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के स्थायी सदस्य परमानंद गिरी महाराज सहित कई नाम शामिल हैं।
वाद संख्या 13 के वादी व अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में वाद की पोषणीयता मामले में फैसले के खिलाफ मस्जिद पक्ष द्वारा एसएलपी दाखिल की गई है। लेकिन वादों की सुनवाई पर कोई रोक नहीं लगाई गई है। ऐसे में वाद बिंदु तय किया जाए और न्यायालय की कार्रवाई को आगे बढ़ाई जाए।
वाद संख्या-7 के वकील अजय प्रताप सिंह ने कहा कि एएसआई ने रिपोर्ट दाखिल की थी, लेकिन इसे शामिल नहीं किया गया है। मस्जिद पक्ष की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता तसनीम अहमदी ने पक्ष रखा।