पटना। बिहार के पथ निर्माण मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने प्रदेश में पुल निर्माण निगम के कार्यों की सोमवार को विस्तृत समीक्षा की और दावा किया कि मुख्यमंत्री राहत कोष में पुल निर्माण निगम का अधिकतम योगदान है। उन्होंने कहा कि पुल निर्माण निगम वर्ष 2004-05 तक 17 करोड़ के घाटे में चल रहा था और निगम को बंद करने पर भी विचार किया जा रहा था। लेकिन, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में विगत वर्षों में पुल निर्माण निगम ने अभूतपूर्व कार्य किए हैं। वर्तमान में पुल निर्माण निगम मुख्यमंत्री सहायता कोष में 205 करोड़ रुपये की राशि का सहयोग दे चुका है।
यह राशि किसी भी सरकारी एजेंसी की ओर से दी गई अधिकतम राशि है। बिहार राज्य पुल निर्माण निगम का गठन 1975 में किया गया था। उप मुख्यमंत्री सह पथ निर्माण मंत्री ने विलंबित परियोजनाओं पर पुल निर्माण निगम के अभियंताओं को कड़े निर्देश देते हुए कहा कि इस संबंध में प्रतिवेदन प्रस्तुत करें। बताया गया कि बिहार राज्य पुल निर्माण निगम ने अब तक 2,400 से अधिक परियोजनाओं का कार्य पूर्ण किया है। बिहार राज्य पुल निर्माण निगम ने प्रक्रियाधीन परियोजनाओं में छह बड़ी परियोजनाओं को 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
उप मुख्यमंत्री ने सभी योजनाओं को समय से पूरा करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने बताया कि बरसात में नदियों के जलस्तर में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है, इसे देखते हुए पुराने पुल-पुलियों की देखभाल का निर्देश विभागीय पदाधिकारियों को दिया गया है। समीक्षा के क्रम में यह बात स्पष्ट हुई है कि सड़क एवं पुलों के निर्माण में भू-अर्जन और वन क्षेत्र के अधीन आने वाली भूमि का अधिग्रहण भी एक बड़ी समस्या रहती है। शीघ्र ही संबंधित विभागों के मंत्री एवं पदाधिकारियों के साथ बैठक कर इन मामलों का निराकरण किया जाएगा।