कानपुर। मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि आने वाले 17 मई से और अधिक गर्मी, धूप एवं उमस बढ़ेगी। उत्तर भारत में आसमान साफ रहेगा, जिससे धूप की किरणें सीधी पड़ेगी। इन सारी वजहों से तापमान बढ़ेंगे, गर्मी बढ़ेगी और आने वाले हफ्ते कहीं भी कोई राहत नहीं दिखाई पड़ रही है।
चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के मौसम वैज्ञानिक डॉ.एस.एन.सुनील पांडेय ने बुधवार को बताया कि ऐसी हालत में घरों से निकले तो पानी लेकर निकलें, पानी पीकर निकलें, कैप, अंगौछा, छाता लेकर निकलें और बच्चे, बड़े एवं बीमार लोग ऐसे में घर से बाहर निकलने से परहेज करें और सावधानी बरतें।
अधिक गर्मी और उमस होने पर क्या करें
डॉ.पांडेय ने बताया कि खूब सारे तरल पदार्थ, विशेषकर पानी पीकर हाइड्रेटेड रहें। टोपी और हल्के रंग एवं ढीले-ढाले कपड़े पहनकर शांत रहें और जरूरत पड़ने पर वातानुकूलित स्थान पर जाएं। हमेशा सनस्क्रीन पहनें जो यूवीए और यूवीबी दोनों किरणों से बचाता है, साथ ही सुरक्षात्मक कपड़े, टोपी और धूप का चश्मा भी पहनें। हर दो घंटे में सनस्क्रीन दोबारा लगाएं, भले ही वह वाटरप्रूफ हो। और सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक धूप से दूर रहें।
धूप में 12 बजे से 3 बजे तक जाने से बचें
मौसम वैज्ञानिक ने बताया कि लंबे समय तक बाहर रहने से बचें, दोपहर 12 बजे से 3 बजे के बीच घर से बाहर निकलने से बचना चाहिए।
जाने गर्मी से कैसे करें बचाव
गर्मी से बचने के लिए तरल पदार्थों का प्रयोग बढ़ाएं, छाछ, बेल का शरबत, कच्चे आम का पना, सत्तू का शरबत, नींबू पानी, इसके साथ ही गर्मी के मौसम में 8 से 10 गिलास पानी अवश्य पिएं। इसके साथ ही तरबूज, खरबूजा, खीरा, ककड़ी एवं प्याज का सेवन आवश्यक है। हालांकि ध्यान रहे कि गर्मी में आइसक्रीम या बर्फ के सेवन से बचना चाहिए। फलों का सेवन करने के बाद, तत्काल पानी न पीएं, नहीं तो वह घातक साबित हो सकता है।
गर्मी में नियंत्रित करें नमक का प्रयोग
डॉ. पांडेय ने बताया कि उमस एवं गर्मी में सबसे महत्वपूर्ण है कि खाने में नमक का प्रयोग बहुत हल्का करना चाहिए, नहीं तो अधिक नमक के प्रयोग से शरीर में पानी की कमी हो जाती है और इसके साथ ही ब्लड प्रेशर में इसका काफी असर पड़ता है। इसके साथ ही गर्मी व उमस के समय हल्के एवं सूती कपड़ों का प्रयोग करें, जिससे शरीर से निकलने वाला पसीना जल्दी सूख जाए और तेज धूप में बच सकें।