देहरादून। उत्तराखंड के सात पर्वतीय जिलों में बुधवार को भारी बारिश की संभावना है। मौसम विभाग ने नैनीताल, चम्पावत, टिहरी, पौड़ी, देहरादून, बागेश्वर और पिथौरागढ़ जिले में कहीं-कहीं तेज गर्जन के साथ भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
अन्य जिलों में आकाशीय बिजली चमकने और तेज बौछार की कई दौर की बारिश होने के आसार है। इसके अलावा विभाग ने संवेदनशील इलाकों में हल्के से मध्यम भूस्खलन और चट्टान गिरने से कहीं-कहीं सड़कें और राजमार्गों के अवरुद्ध होने की संभावना जताई है।
दरअसल, प्रदेशभर में भारी बारिश का सिलसिला जारी है। खराब मौसम को देखते हुए एसडीआरएफ जवानों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। जबकि 36 संवेदनशील स्थानों पर रेस्क्यू टीमें तैनात की गई हैं।
प्रदेश में मानसून की सक्रियता को देखते हुए आपातस्थिति से निपटने के लिए एसडीआरएफ मुख्यालय जौलीग्रांट में बैठक का आयोजन किया गया जिसमें एसडीआरएफ जवानों को हाई अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए गए।
सेनानायक मणिकांत मिश्रा ने बताया कि प्रदेश के सभी संवेदनशील क्षेत्रों में 36 रेस्क्यू टीमें तैनात की गई हैं। एसडीआरएफ की पोस्टों में तैनात जवानों को जरूरी निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि मानसून को देखते हुए अतिवृष्टि से बाढ़, भूस्खलन, बादल फटना आदि घटनाओं की प्रबल संभावनाएं हैं जिसके चलते सभी को अलर्ट रहना है और किसी भी घटना पर न्यूनतम समय में रेस्क्यू शुरू कर देना है ।
सेनानायक ने कंट्रोल रूम को भी अलर्ट मोड पर रहने और देहरादून सचिवालय में स्थित राज्य आपदा परिचालन केंद्र के संपर्क में रहकर सूचनाओं का आदान-प्रदान करने के निर्देश दिए। साथ हीअंडर वाटर ड्रोन, सोनार सिस्टम, रिमोटली ऑपरेटेड लाइफबॉय, स्कूबा डाइविंग सेट, डाइविंग कम्युनिकेशन सेट, स्पीड मोटर बोट, राफ्ट, कोल्ड वाटर रेस्क्यू सूट जैसे अत्याधुनिक रेस्क्यू उपकरणों से लैस होकर कार्य करने को निर्देशित किया।
इस दौरान जवानों को मौसम पूर्वानुमान, एडवांस राफ्टिंग प्रशिक्षण, कयाकिंग कोर्स, ओबीएम मेंटेनेंस कोर्स, भूस्खलन / बरसाती नालों के प्रति संवेदनशील स्थानों को चिह्नित कर खतरे से सचेत करने को साइनबोर्ड लगाने आदि का प्रशिक्षण दिया गया।