नई दिल्ली। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी (डीपीसीसी) ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में दाखिल एक्शन टेकन रिपोर्ट में कहा है कि दिल्ली में प्रदूषण रोकने के लिए स्मॉग टावर्स प्रभावी नहीं है और वो प्रदूषण का व्यावहारिक समाधान नहीं है।
डीपीसीसी ने आईआईटी बांबे और दिल्ली की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि स्मॉग टावर्स अपने सौ मीटर की परिधि में 17 फीसदी ही प्रदूषण कम करता है। ऐसे में पूरी दिल्ली को कवर करने के लिए करीब 40 हजार स्मॉग टावर्स लगाने पड़ेंगे। दरअसल 8 नवंबर को एनजीटी ने दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, यूपी, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के बढ़ते वायु प्रदूषण पर स्वत: संज्ञान लेते हुए इन राज्यों से वायु प्रदूषण को रोकने के लिए तुरंत कदम उठाने को कहा था।
एनजीटी ने राज्यों के मुख्य सचिवों, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के चेयरमैन, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था। एनजीटी ने पराली जलने पंजाब सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी पूरे पंजाब में पराली जलाई जा रही है। एनजीटी ने कहा था कि आपका पूरा तंत्र पूरी तरह से फेल हो चुका है, इसीलिए सुप्रीम कोर्ट ने इतना सख्त फैसला दिया है।
दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण को लेकर सख्ती बरतते हुए एनजीटी ने कहा था कि सभी सरकारी प्रोजेक्ट को छूट दी हुई है, अगर फ्लाईओवर, हाइवे प्रोजेक्ट में 15 दिन की देर हो जाएगी तो कोई आसमान नहीं टूट जाएगा। एनजीटी ने कहा था कि जब लोग मरने लगेंगे तब दवा देते हैं कि शायद बच जाएगा, वरना मरना तो है ही।