मेरठ। बागपत के पिलाना ब्लॉक के पूठड़ गांव के हीमोफीलिया के मरीज़ आर्यन यादव की मौत हो गई। आरोप है कि उन्हें कहीं भी इंजेक्शन नहीं इंजेक्शन(फैक्टर 8) नहीं मिला। यह इंजेक्शन हीमोफीलिया के मरीज़ को लगाया जाता है।
परिजनों ने बताया कि आर्यन का बागपत में ही इलाज चलता था।
तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर परिजन उसे पहले मेरठ मेडिकल और फिर दिल्ली ले गए, मगर कहीं हीमोफीलिया का फैक्टर 8 उपलब्ध नहीं हुआ। बागपत में ही उन्होंने एक निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराया लेकिन जान नहीं बच सकी। आर्यन दसवीं का छात्र था।
मेडिकल कॉलेज में लगभग 260 हीमोफीलिया के मरीज हैं। इनके लिए हर माह लगभग 2000 वायल्स की जरूरत होती है लेकिन पर्याप्त फैक्टर की सप्लाई नहीं हो रही है। मेडिकल में हीमोफीलिया की नोडल अधिकारी डॉ. योगिता सिंह का कहना है कि फैक्टर की कमी नहीं है। कभी ज्यादा मांग आने से ऐसा हो सकता है।