लखनऊ -उत्तर प्रदेश में बिजली कर्मचारियों की हड़ताल पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने गंभीर संज्ञान लेते हुये इसे अनुचित और जनता को परेशान करने वाला बताया है।
आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि उच्च न्यायालय ने आज पारित एक आदेश में कहा है कि विद्युत कर्मचारी संघर्ष समिति की यह हड़ताल बिल्कुल अनुचित है, जनहित के विरुद्ध है और जनता को परेशान करने वाली है।
उच्च न्यायालय का यह आदेश उनके छह दिसंबर 2022 के दिए गए आदेश से जुड़ा हुआ है, जिसमें उच्च न्यायालय ने कहा था, कि विद्युत आपूर्ति एक आवश्यक सेवा है और उसमें बाधा डालना स्वीकार नहीं है। उच्च न्यायालय ने इस बात का भी संज्ञान लिया कि संघर्ष समिति द्वारा चलाई जा रही हड़ताल, उनके पूर्व के आदेश की अवहेलना है और जिसके लिए कोर्ट के आदेश की अवमानना की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गयी है।
न्यायालय ने कर्मचारी संघर्ष समिति के नेताओ के विरूद्ध जमानती वारंट जारी करते हुए उन्हें 20 मार्च को स्वयं के समक्ष हाजिर होने को आदेशित किया है। न्यायालय के आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि राज्य सरकार बिजली जैसी आवश्यक सेवा को सुनिश्चित करने के लिए न्यायालय के छह दिसंबर 2022 के आदेश के दृष्टिगत दोषी कर्मचारियों/अधिकारियों के विरुद्ध भी उपयुक्त दंडात्मक कार्रवाई करने के लिए आदेशित किया है।