Saturday, May 18, 2024

हाईकोर्ट ने उदयभान करवरिया की जमानत खारिज की, 12 को जेल अथॉरिटी को करना है रिपोर्ट

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प्रयागराज, । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जवाहर यादव उर्फ पंडित की हत्या के दोषी पूर्व विधायक उदयभान करवरिया की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है। पूर्व विधायक को अब जेल जाना होगा। कोर्ट ने कहा है कि करवरिया 12 मई को जेल अथॉरिटी को रिपोर्ट करें। मंगलवार को यह आदेश न्यायमूर्ति सलिल कुमार राय और न्यायमूर्ति अरुण कुमार सिंह देशवाल की खंडपीठ ने उदयभान करवरिया की अपील में दाखिल जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए दिया है।

पूर्व विधायक अपनी बीमारियों का उपचार कराने के लिए 12 अप्रैल 2022 से पैरोल पर हैं। कोर्ट ने उनके पैरोल को कई बार बढ़ाया है। प्रतिवादियों की ओर से इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में विशेष याचिका दाखिल की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने इतने लंबे समय के लिए पैरोल देने पर आपत्ति जताई थी और हाईकोर्ट से कहा था कि वह पूर्व विधायक की नियमित जमानत पर सुनवाई करे। विधायक सहित हत्याकांड के अन्य आरोपियों ने हत्याकांड में ट्रायल कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दाखिल कर रखी है।

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सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद हाईकोर्ट ने पूर्व विधायक उदयभान की जमानत अर्जी पर नियमित सुनवाई पूरी कर 26 अप्रैल को फैसला सुरक्षित कर लिया था। पूर्व विधायक की ओर से तर्क दिया गया था कि वह आठ साल से जेल में हैं। उन्हें सुप्रीम कोर्ट के कौशल सिंह केस का लाभ मिलना चाहिए। पूर्व विधायक ने अपनी बीमारी का भी हवाला दिया। कहा कि उन्हें अभी एम्स दिल्ली में उपचार कराना है।

विधायक ने रायबरेली एम्स में दिखाया, लेकिन उन्हें वहां से दिल्ली एम्स रेफर कर दिया गया है। जबकि, प्रतिवादियों ने इसका विरोध जताया। तर्क दिया कि विधायक पैरोल का फायदा उठा रहे हैं। वह हाल ही में हुए उमेश पाल हत्याकांड के आरोपियों से मिल रहे हैं। पार्टियों और कार्यक्रमों में हिस्सा ले रहे हैं। प्रतिवादियों ने इसके कई फोटाग्राफ भी कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किए। कोर्ट ने 26 अप्रैल को सुनवाई पूरी करने के बाद मंगलवार को अपना फैसला सुनाया और उदयभान की जमानत अर्जी को निरस्त कर उन्हें 12 मई को जेल अथॉरिटी को रिपोर्ट कर जेल जाने को कहा। कोर्ट ने जेल अथॉरिटी को भी निर्देश दिया है कि याची के उपचार कराने के मामले में जेल नियमों के अनुसार निर्णय लें।

पूर्व विधायक के साथ ही इसी मामले के दूसरे दोषी करार दिए गए रामचंद्र त्रिपाठी उर्फ कल्लू ने भी अपने उपचार के लिए पैरोल की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने उन्हें भी कोई अंतरिम राहत नहीं दी है। कोर्ट ने आईजी जेल को निर्देश दिया है कि वह दोषी रामचंद्र त्रिपाठी के उपचार कराने के मामले में जेल नियमों के अनुसार निर्णय लें।

कोर्ट ने इस संबंध में जेल अधीक्षक को अपील की अगली सुनवाई की तिथि 22 मई को रिपोर्ट प्रस्तुत करने का भी आदेश दिया है। अगर, जेल अधीक्षक रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं करते हैं तो उन्हें खुद उपस्थित होना होगा।

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