Friday, September 20, 2024

बांग्लादेश के हिन्दुओं ने कहा- हम यहीं पैदा हुए , यहीं मरेंगे

ढाका। बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के पतन के बाद हिन्दुओं पर हो रहे हमलों के विरोध में आवाज उठने लगी है। अल्पसंख्यक समुदाय के लोग एकजुटता दिखाते हुए सड़क पर उतरने लगे हैं। शनिवार भी देश में कई जगह छिटफुट प्रदर्शन हुए हैं। बांग्लादेश में रह रहे हिन्दुओं का कहना है कि हम यहीं पैदा हुए हैं, यही मरेंगे। हम अपना देश छोड़कर नहीं जाएंगे और अपने पर हो रहे जुल्मों का प्रतिकार करेंगे।

बांग्लादेश हिन्दू जागरण मंच के नेतृत्व में शुक्रवार सायंकाल भी हिन्दुओं व अन्य अल्पसंख्यक समुदाय पर हो रहे हमलों, आगजनी और लूटपाट के विरोध में राजधानी ढाका के शाहबाग में प्रदर्शन किया गाय। शुक्रवार को हुए इस प्रदर्शन में हजारों हिन्दुओं ने हिस्सा लिया। इस दौरान देश में अल्पसंख्यक हिन्दुओं के खिलाफ हो रही हिंसा के खिलाफ आवाज उठाई गई। समाचार पत्र ढाका ट्रिब्यून के अनुसार इस वजह से शाम चार बजे से शाम साढ़े सात बजे तक शाहबाग चौराहा बंद रहा। प्रदर्शनकारियों ने हाल ही में हुए हिंदुओं पर हमलों की खिलाफत की।

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

इस प्रदर्शन के दौरान दिनाजपुर में चार हिंदू गांवों को जलाने की कड़ी आलोचना की गई। प्रदर्शनकारी दोपहर लगभग तीन बजे नेशनल प्रेस क्लब के सामने जमा हुए और मार्च करते हुए शाहबाग चौराहे पर पहुंचे। इन लोगों ने नई अंतरिम सरकार के सामने चार मांगें रखीं -अल्पसंख्यक मंत्रालय की स्थापना, अल्पसंख्यक संरक्षण आयोग का गठन, अल्पसंख्यकों के खिलाफ हमलों को रोकने के लिए सख्त कानून और अल्पसंख्यकों के लिए 10 प्रतिशत संसदीय सीटों का आवंटन।

द डेली स्टार अखबार के अनुसार, नौ अगस्त को ठाकुरगांव में हिन्दुओं ने रैली निकालकर जुल्म का विरोध किया। इस रैली में चार हजार से ज्यादा लोग शामिल हुए। इसके बाद ठाकुरगांव सदर उपजिला के निर्बाही अधिकारी बेलायत हुसैन, सेना के अधिकारियों के साथ पहुंचे। उन्होंने हिन्दुओं की सुरक्षा का वादा किया।

उल्लेखनीय है कि बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एक्य परिषद ने शुक्रवार को कहा था कि शेख हसीना के सत्ता से हटने के बाद बांग्लादेश के 64 जिलों में से 52 जिलों में अल्पसंख्यकों के साथ अत्याचार हुए हैं। अल्पसंख्यकों के साथ ज्यादती की 205 घटनाएं हुई हैं। संगठन ने अंतरिम सरकार के नेता मोहम्मद यूनुस को खुला पत्र लिखा। इसमें कहा गया कि अल्पसंख्यकों में गहरी चिंता और अनिश्चितता है। सरकार को तत्काल इसका संज्ञान लेना चाहिए।

Related Articles

STAY CONNECTED

74,334FansLike
5,410FollowersFollow
107,418SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय