Monday, January 27, 2025

76वें गणतंत्र दिवस पर कर्तव्य पथ पर ऐतिहासिक परेड

 

नई दिल्ली। भारत ने 76वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर कर्तव्य पथ पर आयोजित ऐतिहासिक परेड में अपनी सैन्य ताकत, सांस्कृतिक विविधता और सरकारी योजनाओं की सफलता का भव्य प्रदर्शन किया। इस वर्ष का गणतंत्र दिवस समारोह संविधान के 75 वर्ष पूरे होने और देश की उपलब्धियों को समर्पित रहा।

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इस वर्ष के गणतंत्र दिवस समारोह में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। वह भारत के गणतंत्र दिवस में भाग लेने वाले इंडोनेशिया के चौथे राष्ट्रपति बने। यह उल्लेखनीय है कि 1950 में भारत के पहले गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि भी इंडोनेशिया के पहले राष्ट्रपति सुकर्णो थे।

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1. भव्य झांकियां और थीम

  • परेड में 16 झांकियां विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की थीं, जो उनकी सांस्कृतिक विरासत और उपलब्धियों को प्रदर्शित कर रही थीं।
  • इसके अलावा, 15 झांकियां केंद्रीय मंत्रालयों, विभागों और संगठनों की ओर से प्रस्तुत की गईं।
  • इस वर्ष झांकियों का मुख्य विषय था ‘स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास’, जो देश की प्राचीन परंपराओं और आधुनिक विकास का संगम प्रस्तुत करता है।

2. सैन्य शक्ति का प्रदर्शन

  • भारत ने अपनी सैन्य ताकत का प्रदर्शन करते हुए ब्रह्मोस मिसाइल, पिनाका रॉकेट सिस्टम, और आकाश हथियार प्रणाली जैसे अत्याधुनिक रक्षा उपकरणों को प्रदर्शित किया।
  • परेड में थलसेना, वायुसेना और नौसेना के सैनिकों के परेड दस्तों ने देश की सुरक्षा में उनके योगदान का शानदार प्रदर्शन किया।

3. सांस्कृतिक प्रस्तुति और नृत्य

  • देशभर के 5,000 से अधिक कलाकारों ने ‘जयति जय मां भारतम’ नामक सांस्कृतिक प्रस्तुति में 45 से अधिक भारतीय नृत्य शैलियों को प्रदर्शित किया।
  • इस प्रस्तुति ने देश की सांस्कृतिक विविधता और कला के अद्भुत मेल को दर्शाया।

4. राष्ट्रपति और मुख्य अतिथि का आगमन

  • राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो पारंपरिक बग्घी में सवार होकर कर्तव्य पथ पहुंचे।
  • उन्होंने ध्वजारोहण किया और राष्ट्रीय ध्वज को सलामी दी।

5. संविधान के 75 वर्ष का जश्न

  • इस वर्ष का समारोह भारतीय संविधान के 75 गौरवशाली वर्षों को समर्पित था।
  • एक विशेष झांकी में संविधान निर्माण की प्रक्रिया और इसके महत्व को दिखाया गया।

विशेष झलकियां

  • पहली बार सशस्त्र बलों की त्रि-सेवा झांकी प्रदर्शित की गई, जिसमें तीनों सेनाओं के बीच तालमेल को दिखाया गया।
  • परेड में ग्रामीण और शहरी विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, और पर्यावरण संरक्षण जैसे विषयों को भी शामिल किया गया।

समारोह का समापन

परेड का समापन राष्ट्रीय गान और वायुसेना के विमानों द्वारा आसमान में त्रिरंगा बनाते हुए हुआ। यह दृश्य उपस्थित दर्शकों और टीवी पर देखने वाले करोड़ों भारतीयों के लिए गर्व का क्षण बना।

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