कानपुर। दहेज की मांग पूरी नहीं होने पर लंदन में रहने वाले इंजीनियर पति ने पहले पत्नी को वापस घर भेजा, फिर मायके आने पर फोन पर तीन तलाक दे दिया। इस पर पीड़िता ने चमनगंज थाना में पति और ससुरालियों के खिलाफ तहरीर दी और दहेज प्रथा के साथ ही विवाह पर अधिकारों की सुरक्षा अधिनियम-2019 समेत अन्य गम्भीर धाराओं में मुकदमा दर्ज हो गया। निकाह के नौ महीना बाद फोन पर तीन तलाक दिये जाने और मुकदमा दर्ज होने पर रविवार को पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बना रहा।
प्रेम नगर में रहने वाली गुलनाज अंसारी ने बताया कि उसका निकाह नौ महीने पहले बलिया निवासी लंदन में कार्यरत आईटी इंजीनियर आसिफ जमाल अंसारी से हुआ था। पिता ने निकाह में लगभग 30 लाख खर्च किये थे। निकाह के बाद पति उन्हें अपने मूल निवास जेपी नगर गरवार रोड बलिया ले गया था। निकाह के बाद से ही पति और ससुरालियों ने दहेज को लेकर टॉर्चर करना शुरू कर दिया था। पति मार्च 2024 में बलिया आया तो उसने भी मारपीट की थी। मायके वाले और समाज के लोगों ने दबाव बनाया तो 4 जुलाई 2024 को पति ने टिकट कराकर मुझे लंदन बुला लिया। प्रताड़ना लंदन में भी खत्म नहीं हुई और उसके साथ आए दिन मारपीट व क्रूरता करता था। धमकी देता था कि मैं तुम्हे तलाक देकर दूसरा निकाह करुंगा।
गुलनाज ने अपने मायके वालों को प्रताड़ना की जानकारी दी तो पति ने लंदन से वापस भारत भेज दिया और वीजा भी लंदन से कैंसिल करा दिया। जब वह अपने ससुराल बलिया गयी तो उसके सास ससुर और अधिक क्रूरता का व्यवहार करने लगे और मारपीट करते थे। ससुरालियों की प्रताड़ना से त्रस्त होकर मायके वाले बलिया से कानपुर वापस ले आए। गुलनाज ने बताया कि मायके पहुंचते ही लंदन में मौजूद पति आसिफ जमाल अंसारी का फोन आया। इसके बाद पति ने फोन पर ही उसे तलाक…तलाक…तलाक…बोलकर तीन तलाक दे दिया। जब इसका विरोध किया तो धमकी दी और कहा कि अगर कहीं रिपोर्ट दर्ज कराई, तो वह लंदन में है उसका कोई कुछ नहीं कर पाएगा। गुलनाज की तहरीर पर चमनगंज पुलिस ने पति आसिफ जमाल अंसारी, सास अंजुम आरा और ससुर रफाकत हुसैन के खिलाफ मुस्लिम महिला विवाह पर अधिकारों की सुरक्षा अधिनियम-2019 समेत अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। एडीसीपी महेश कुमार ने रविवार को बताया कि मामले की विवेचना की जा रही है और दोषियों पर कार्यवाही की जाएगी।