मल्टी टॉस्किंग एक बुरी आदत है जो दिमाग पर अधिक दबाव डालती है और याददाश्त को कमजोर बनाती है। अगर आप इस आदत के शिकार हैं तो इस आदत को छोड़ दीजिए। दिमाग भी उस फोन या टैबलेट की तरह है जब उनमें जंक हो जाता है तो उनकी वर्किंग स्लो हो जाती है, उसी प्रकार दिमाग पर भी काम का अधिक दबाव पडऩे से दिमाग भी स्लो हो जाता है।
दिमाग दुरूस्त रखने के लिए आधे घंटे की सैर नियमित करें, मेडिटेशन करें। मेडिटेशन करने से स्ट्रेस कम होता है और दिमागं में रक्त संचार भी बढ़ता है।
प्रात: की भागदौड़ से बचने के लिए अपने अलार्म को 15 मिनट पहले कर दें। इन पंद्रह मिनट में आपके काम व्यवस्थित हो जाएंगे, आप का मूड भी ठीक रहेगा और मन भी शांत रहेगा।
घर के कामों में परिवार के सदस्यों की मदद लेने से न घबराएं, उनसे लड़ें नहीं, काम करवाएं। रात्रि में ही तय कर लें किसने क्या करना है। बातचीत कर समस्या का समाधान निकालें।
काम की अधिकता के कारण अगर आप जल्दी थक जाती हैं तो अपने शरीर के एनर्जी लेवल पर ध्यान दें। अपने नियमित आहार में हरी सब्जियां, ब्राउन राइस, विटामिन बी के खाद्य पदार्थ, अंडों को शामिल करें ताकि एनर्जेटिक बने रहें।
ठंडे पानी से चेहरा धोने पर ग्रंथियां सक्रि य होती हैं और उनमें एड्रिनलिन हारमोन का स्राव होता है जिससे दिमाग में रक्तस्राव बढ़ता है और सक्रि यता बढ़ जाती है। गर्मियों में दिन में दो से तीन बार ठंडे पानी से चेहरा धोएं।
उम्र बढऩे से आंखें कमजोर होनी शुरू हो जाती हैं। नियमित आहार में पालक, ब्रोकली, स्वीटकार्न, गाजर लें।
सेल्फ मेडिकेशन की आदत सही नहीं हैं। इंटरनेट पर बताएं लक्षणों के आधार पर बताई दवा स्वयं न लें। अपने डाक्टर खुद न बनें। डाक्टर की सलाह पर ही एंटीबायोटिक्स लें सर्दी-जुकाम में घर की ताजी सब्जियों का सूप या चिकन सूप लें।
सोने से पहले दिमाग को तैयार करें, टीवी मोबाइल, कंप्यूटर, लैपटाप बंद कर दें। परिवार के किसी सदस्य के साथ सोने से पहले कुछ भी सीरियस डिस्कशन न करें, न बहस करें। मन और दिमाग को शांत कर सोयें, नींद अच्छी आयेगी।
कभी कभी थकान और तनाव के कारण नींद न आ रही हो तो गुनगुने पानी से स्नान करें। नींद जल्दीे और अच्छी आएगी।
प्रात: सूर्य की किरणें शरीर को एक्टिव बनाती हैं। समय मिले तो प्रात: की धूप का सेवन करें।
भरपूर नींद आपकी सेहत के लिए, रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए और दिन भर की चुस्ती के लिए जरूरी है।
शारीरिक व्यायाम शरीर को स्फूर्ति प्रदान करता है, इसे अपनी दिनचर्या का नियमित अंग बनाएं, आंखों के व्यायाम भी करें।
शाम के समय रात्रि का काम निपटा कर टीवी देखते समय प्रात: की सब्जी काट लें। प्याज टमाटर, अदरक, लहसुन भी काट कर रख लें। संभव हो तो आटा भी गंूथ कर रखा जा सकता है ताकि प्रात: काम का अबाव कम हो सके।
बच्चों को रात्रि में अपना बैग पैक करने को कहें। उन्हें रात्रि में ही जुराब, टाई, रूमाल, यूनिफार्म निकालने के लिए कहें ताकि उन्हें भी आदत पड़ जाएं तो काम रात को निपटा सकते हैं निपटा दें। प्रात: के तनाव को यह आदतें कम करती हैं।
साबुत अनाज, सब्जियां, ताजे फल, मछली, ड्राई फ्रूटस को नियमित आहार में शामिल करें ताकि पौष्टिक आहार लेने से स्वास्थ्य ठीक रहे।
दिन भर दो कप चाय या 2 कप कॉफी दिमाग और शरीर को एक्टिव रखती है। इससे अधिक चाय काफी न पिएं।
दिन में तनाव महसूस होने पर लंबा गहरा सांस लें।
कंप्यूटर पर काम करने वालों को थोड़ी देर बाद आंखों को आराम अवश्य देना चाहिए ताकि आंखों में थकान अधिक न हो।
-सारिका