Monday, December 23, 2024

विशेष बीमारियॉं: विशेष रख रखाव

आधुनिक भागमभाग जिंदगी ने बस भागना ही सिखाया है। यह नहीं सिखाया कि इस भागमभाग में अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना भी उतनी ही अहमियत रखता है ताकि हम रेेस में पीछे न छूट जाएं। खाली भागने से हम कई बिन बुलाई बीमारियों के शिकार बन सकते हैं। इनसे बचने के लिए सही डाइट और जरूरत पडऩे पर दवाइयॉं लेकर स्वयं को संभाल सकते हैं और अपने इम्यून सिस्टम को सही रख सकते हैं। आइए देंखे किस बीमारी में क्या खाएं और बीमारी से फाइट करने की क्ष्मता अपने में उत्पन्न करें।

जब दिल हो अस्वस्थ:-
दिल के बीमार पडऩे पर हर प्रकार की सब्जी खाने की सलाह दी जाती है बस ध्यान रखना होता है नमक, तेल और कैलोरी का।  इनका सेवन सीमित मात्र में करना होता है। हरी पत्तेदार सब्जियॉं आप नियमित ले सकते हैं। गाजर, चुकंदर, टमाटर का सेवन सलाद के रूप में कर सकते हैं। इससे शरीर में खून की कमी में भी लाभ मिलता है। ब्रोकली, फूलगोभी, परवल, लहसुन, घीया, बैंगन सभी प्रकार की सब्जियों का सेवन कम नमक और कम तेेल वाला कर सकते हैं।

फलों मेें भी जूस के स्थान पर फल का सेवन करें जो फाइबर देता हे। एवोकाडो, बेरीज और अंगूर का सेवन हमारे अच्छे कॉलेस्ट्राल को बढ़ाता है। पपीते में बहुत से विटामिन्स होते हैं और केले में पोटेशियम होता है इनका सेवन आप करते रहें।
सभी प्रकार की साबुत दालें कम से कम एक घंटा पूर्व भिगोकर और उसका पानी गिराकर बनानी चाहिए।

पनीर और सोयाबीन का सेवन 3० से 4० ग्राम तक प्रतिदिन कर सकते हैं। चिकन रोस्टेड, स्टीम्ड या कम तेल मसालों वाला खाएं। मटन का सेवन न करें तो बेहतर है। इसी प्रकार मछली भी स्टीम्ड 2 पीस खा सकते हैं।
दलिए का सेवन नियमित कर सकते हैं। इसमें फाइबर की मात्र भी खूब होती है और कैल्शियम, मैग्नीशियम और फास्फोरस भी होता है जो दिल के लिए उसके अच्छे दोस्त हैं। चावलों में सेला, ब्राउन और रेड राइस दिन भर में 1 से दो कटोरी का सेवन कर सकते हैं।  मल्टीग्रेन आटे के सेवन से शुगर धीरे-धीरे बनती है। इसमें हरी सब्जियॉं मिलाकर इस आटे की रोटी का सेवन कर सकते हैं।

सरसों का तेल, आलिव ऑयल और नारियल तेल का सेवन दिल की बेहतरी के लिए बेहतर माना जाता है पर इसकी मात्र बहुत सीमित होनी चाहिए जैसे सारे दिन में 1 से दो चम्मच तक 1 मैदा, शुगर, डीप फ्राई खाद्य पदार्थों का सेवन कम से कम करें। अल्कोहल, तंबाकू, सिगरेट भी दिल को कमजोर करते हैं। इनका प्रयोग न करें।

लिवर की दिक्कत होने पर:-
लिवर की समस्या होने ेपर खाना आसानी से पचने वाला और कम तेल का ही खायें। मिलवर सिरोसिस होने पर 5० से 1०० ग्राम और फैटी लिवर में 2०० ग्राम तक हर दिन खाएं। गाजर, चुकंदर लिवर के दोस्त हैं इनसे दोस्ती करें और इनका सेवन सलाद में करें। ब्रोकली में विटामिन ए, सी, प्रोटीन, कैल्शियम आयरन होता है इसका सेवन लाभप्रद है। आंवला, टमाटर, पालक, मैथी ये सब लिवर के लिए लाभप्रद हैं इनका सेवन करें। घीया पचने में आसान है और पाचक रसों को सुचारू करता है इसका सेवन अवश्य करें।

पपीता लिवर के लिए काफी लाभप्रद होता हैं अनार खून बढ़ाने में मदद करता है और इसमें विटामिन होते हैं। सेब, नाशपति का भी सेवन कर सकते हैं। पर मात्र डाक्टर के परामर्शनुसार ही लें।
फैटी लिवर वालों के लिए दलिया पौष्टिक आहार है। इसका सेवन प्रतिदिन किया जा सकता है। मल्टीग्रेन आटे की 2  रोटी खाने से शरीर की जरूरतें पूरी हो जाएंगी क्योंकि इसमें फाइबर प्रचुर मात्र में होता है जो लिवर को सुचारू रूप से काम करने में मदद करता है। सेला, ब्राउन और रेड राइस भी खा सकते हैं।

दो पीस मछली स्टीम्ड की हुई ले सकते हैं। पनीर व सोयाबीन बहुत सीमित मात्र में डाक्टर की सलाह अनुसार लें। इसी प्रकार दालों का सेवन भी डाक्टर की सलाह अनुसार लें।
खाने में सरसों, आलिव ऑयल और नारियल तेल का बहुत सीमित प्रयोग खाना बनाने में करें।

लिवर के लिए अल्कोहल, तंबाकू, सिगरेट जहर की तरह हैं इसका सेवन बिलकुल न करें। तले हुए खाद्य पदार्थ, बिस्किट, मैदा आदि का सेवन भी न करें।

शुगर सताने पर:-
शुगर के रोगी होने पर फल का सेवन 1०० से 2०० ग्राम तक ही करें। वो भी बदल कर जैसे पपीता, अमरूद,संतरा, मौसमी, सेब, नाशपती , तरबूज आदि लें। कभी-कभी थोड़ा सा केला, अंगूर, चीकू, आम ले सकते हैं पर इनके सेवन के बाद तेज वॉक करें।

घीया, भिंडी, पत्तागोभी, पालक, मेथी का सेवन करें। हरी पत्तेदार सब्जियों में रेशा भरपूर होता है। मौसम अनुसार गाजर, मूली, टमाटर, चुकंदर, खीरा, ककड़ी के सलाद का सेवन करें।
मटन कम से कम खाएं क्योंकि इसमें चर्बी अधिक होती है जो शुगर बढ़ाने में मदद करती है। मछली और चिकन रोस्टेड या स्टीम्ड ही लें। अंडों का सफेद भाग ही लें इसमें प्रोटीन की मात्र काफी होती है। मूंग, मिक्सडदालें खा सकते हैं पर दालों को पहले 1 घंटा भिगोकर फिर उसका पानी गिराकर दाल बनाएं।

शुगर के रोगियों को भी रिफाइंड प्राडक्ट्स का सेवन नहीं करना जैसे रिफाइंड आफयल, मैदा, नमक चीनी आदि। डीप फ्राइड भोज्य पदार्थों का सेवन भी नहीं करना, अल्कोहल, तंबाकू का सेवन भी नहीं करना चाहिए। नमक का सेवन कम करें।
खाना बनाने के लिए सरसों का तेल, नारियल और आफलिव ऑयल ही सीमित मात्र में प्रयोग करें।
किडनी की समस्या होने पर

किडनी रोगी को पोटेशियम और सोडियम की मात्र कम लेनी चाहिए इसलिए इन्हें फलों सका। सेवन कम करना चाहिए। 2०० ग्राम से अधिक नहीं। अनन्नास, तरबूज, आम, लाल अंगूर खा सकते हैं कम मात्र में। जामुन एंटीआक्सीडेंट से भरपूर होता है जो किडनी के लिए बेहतर है। पपीता भी फाइबर युक्त होने के कारण पचने में आसान है। इससे आंतरिक सूजन कम होती है। नाशपती और सेब शरीर को डिटॉक्स करने मेें मदद करते हैं। विशेषकर नाशपती जरूर लें पर सीमित मात्र में।

सब्जियां बनाने से पहले 1०-15 मिनट गर्म पानी में डालकर रखें और बनाते समय पानी फेंक दें। शिमला मिर्च में विटामिन सी होता है। घीया पचने में आसान, प्याज और लहसुन में पोटेशियम की मात्र कम होती है। फूलगोभी फाइबर से भरपूर होने के कारण अच्छी होती है। पत्तागोभी, पालक, मेथी भी फाइबर से भरपूर और विटामिन ए,बी सहित कई मिनरल्स से भरपूर होती है। सलाद अवश्य खाएं लेकिन 1० मिनट तक गर्म पानी में रहने दें। फिर खाएं।

दाल बहुत पतली खाएं। बनाने से 1 घंटा पूर्व गर्म पानी में भिगोंकर पानी गराकर बनाएं। क्रि एटिनिन की मात्र अगर 2 है या कम तो सप्ताह में से 3 अंडों का सफेद भाग खा सकते हैं। 2 से 3 पीस मछली या चिकन के स्टीम्ड पीस सप्ताह में लें।

बिना दूध के दलिया लें, मल्टीग्रेन आटे की रोटंी खाएं ताकि प्रोटीन भी मिल सके। चावल मांड निकाल कर खाएं।
खाना बनाते समय 1 चम्मच सरसों का तेल प्रयोग करें। मुमकिन हो मशीन का निकला तेल खाएं। देसी घी 1 चम्मच तक हर दिन ले सकते हैं। नमक का सेवन कम करें। बाजारी सूप, जूस, नमकीन, चिप्स आदि न लें। अल्कोहल, तंबाकू, सिगरेट का सेवन बंद कर दें। रिफाइंड और डीप फ्राई खाद्य पदार्थों का सेवन भी बिलकुल न करें।
-नीतू गुप्ता

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