मुजफ्फरनगर। भोपा रोड पर स्थित विजयश्री नर्सिंग होम में पथरी की मरीज का केस बिगडऩे पर नाबालिग लड़की द्वारा मंडी कोतवाली में तहरीर देकर डा. विकास पंवार के खिलाफ छेड़छाड़ मुकदमा दर्ज कराया गया है। इस मामले में आईएमए भवन में हुई बैठक में सभी आईएमए पदाधिकारियों ने डा. विकास पंवार का समर्थन किया और उनके साथ खड़े होने का संकल्प लिया।
आईएमए ने बिना किसी उचित जांच के ही डा. विकास पंवार के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने पर पुलिस के प्रति रोष जताया, वहीं मीडिया ट्रायल पर भी कड़ी नाराजगी जाहिर की गई, जिसमें अशोभनीय भाषा में डॉक्टर विकास पंवार को दोषी करार दिया है। आईएमए सदस्य, वरिष्ठ शल्य चिकित्सक डॉ. विकास पवार के विरुद्ध उनकी एक महिला मरीज़ ने कथित छेड़छाड़ के आरोप लगाते हुए मुक़दमा दर्ज कराया है। इसी संबंध में आईएमए ने सर्कुलर रोड स्थित आईएमए भवन में विचार-विमर्श के लिए एक सभा का आयोजन किया, जिससे कि डॉ. विकास पवार का किसी भी तरह कोई उत्पीडऩ न हो सके व निष्पक्षता व सत्यता पूर्वक उचित न्याय हो सके, पर विचार किया गया।
सभा की अध्यक्षता आईएमए अध्यक्ष डॉ हेमंत शर्मा ने की। विभिन्न सदस्यों ने इस सम्बन्ध में अपने विचार व्यक्त किए। इस सभा में काफ़ी संख्या में चिकित्सक उपस्थित थे जिनमे मुख्य रूप से डॉ मुकेश जैन, डॉ ईश्वर चंद्रा, डॉ सुनील सिंघल, डॉ प्रदीप कुमार, डॉ अशोक कुमार, डॉ के डी सिंह, डॉ यू सी गौड़, डॉ गजराज, वीर सिंह, डॉ डी एस मलिक, डॉ रवींद्र जैन डॉ अविनाश रमानी, डॉ हरदेश अरोड़ा, डॉ सुभाष बालियान, डॉ अशोक सिंघल, डॉ आमोद कुमार, डॉ सुनील चौधरी, डॉ अजय सिंघल, डॉ पंकज सिंह डॉ सुजीत कुमार सिंह, डॉ मनोज काबरा, डॉ एमएल गर्ग, डॉ मनीष अग्रवाल, डॉ दीपक गोयल, डॉ रवींद्र सिंह, डॉ प्रदीप गर्ग, डॉ कुलदीप सिंह चौहान, डॉ सत्यम राजवंशी, डॉ राजेश मारवाह, डॉ अखिल गोयल, डॉ आशीष बलराज, डॉ निशा मलिक, डॉ रश्मि गोयल आदि मुख्य चिकित्सक उपस्थित थे। ज्ञात हो कि डॉ विकास पवार वरिष्ठ शल्य चिकित्सक होने के साथ ही स्वच्छ छवि वाले, व्यवहार कुशल मिलनसार सामाजिक व्यक्ति हैं।
उन्होंने एक माह से भी अधिक समय पहले एक महिला मरीज़ का आपरेशन किया था, किंतु कुछ कॉम्प्लिकेशन उत्पन्न हो जाने के कारण उचित इलाज हेतु हायर सेंटर रेफऱ कर दिया गया था, तब मरीज़ व परिजनों ने किसी भी तरह की कोई शिकायत नहीं की।
अब एक महीना से भी अधिक बीत जाने के बाद उक्त महिला मरीज ने अचानक कथित छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए डॉ के विरुद्ध मुक़दमा दर्ज करा दिया, जो कि समझ से परे है, इसी संबंध में सभी सदस्यों ने माँग की है कि इस केस में निष्पक्ष सत्यतापूर्वक न्यायोचित जाँच हो जिससे कि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके और किसी भी तरह का कोई उत्पीड़न न हो और मुक़दमा वापस हो, जिससे कि अन्य चिकित्सक वर्ग भी भययुक्त होकर समाज की सेवा कर सके, अपना चिकित्सा कार्य कर सके। न्याय के लिए इस संघर्ष में समस्त आई एम ए परिवार उनके साथ है।