चेन्नई। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि भले ही चंद्रयान-2 मिशन के विपरीत चंद्रयान-3 मिशन का नेतृत्व पुरुषों द्वारा किया जा रहा है, लेकिन बड़ी संख्या में इसमें महिलाओं का योगदान हैं।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर आईएएनएस को बताया, “लगभग 54 महिला इंजीनियर/वैज्ञानिक हैं, जो चंद्रयान-3 मिशन पर काम कर रही है। वे अलग-अलग केंद्रों पर काम करने वाले विभिन्न प्रणालियों के सहयोगी और उप परियोजना निदेशक और परियोजना प्रबंधक हैं।”
चंद्रयान-2 और चंद्रयान-3 मिशन के बीच जो आम है, वह है चंद्रमा की धरती पर लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग और रोवर द्वारा कुछ केमिकल एक्सपेरिमेंट करना।
हालांकि, दोनों मिशनों के बीच लैंडर स्पेसिफिकेशन, पेलोड एक्सपेरिमेंट और अन्य में अंतर हैं।
चंद्रयान 2 और 3 मिशन के बीच स्पष्ट अंतर दोनों चंद्र मिशनों का नेतृत्व करने वाले लोगों का लिंग है।
चंद्रयान-2 मिशन में दो महिला डायरेक्टर एम. वनिता और मिशन डायरेक्टर रितु करिधल श्रीवास्तव ने अहम भूमिका निभाई थी।
चंद्रयान 3 मिशन के निदेशक मोहन कुमार हैं, व्हीकल/रॉकेट निदेशक बीजू सी. थॉमस हैं और अंतरिक्ष यान निदेशक डॉ. पी. वीरमुथुवेल हैं।
भारतीय रॉकेट एलवीएम3 शुक्रवार को दोपहर 2.35 बजे चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान को लेकर श्रीहरिकोटा रॉकेट बंदरगाह से उड़ान भरेगा।
अंतरिक्ष यान में एक लैंडर और एक रोवर होता है।