रावलपिंडी। रावलपिंडी की एक अदालत ने तोशाखाना मामले में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी को 14 साल कैद की सजा सुनाई।
यह फैसला आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के तहत स्थापित एक विशेष अदालत द्वारा पीटीआई संस्थापक को साइफर मामले में 10 साल कैद की सजा सुनाए जाने के एक दिन बाद आया है।
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, अदालत के जज मोहम्मद बशीर ने रावलपिंडी की अदियाला जेल में सुनवाई की अध्यक्षता की, जहां खान कैद में हैं।
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, इमरान और बुशरा को अगले 10 वर्षों के लिए किसी भी सार्वजनिक पद पर रहने से रोक दिया गया है और उन पर लगभग 1,574 मिलियन रुपये का जुर्माना लगाया गया।
जज ने दोनों को आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 342 के तहत अपने बयान दर्ज करने के लिए भी कहा और अभियोजन पक्ष के गवाहों से जिरह का अधिकार बंद कर दिया। दंपति को 9 जनवरी को इस मामले में दोषी ठहराया गया था।
प्रतिक्रिया देते हुए पीटीआई ने इसे कानून की धज्जियां उड़ाने वाला फैसला बताया और दावा किया कि पूर्व प्रधानमंत्री को “एक और कंगारू मुकदमे” का सामना करना पड़ा है। पार्टी ने आगे कहा कि इमरान या बुशरा को बचाव का कोई अधिकार नहीं दिया गया।