सहारनपुर। 18 वीं लोकसभा के चुनाव नजदीक आते ही राजनीतिक सरगर्मियां भी तेज हो गईं हैं। तेजी से बदलते घटनाक्रम के तहत ठोस समीकरण आकार लेने लगे हैं। उत्तर प्रदेश में सपा और कांग्रेस के बीच मोटे तौर पर गठबंधन में जो सीटें कांग्रेस के खाते में आई हैं उसमें देश की पहले नंबर की सहारनपुर सीट शामिल है।
कांग्रेस पार्टी ने अखिलेश यादव को राजी करने के बाद अपने बड़े नेता इमरान मसूद को चुनाव लड़ने का मजबूत संकेत आज दे दिया। इमरान मसूद ने इस संवाददाता को बताया कि वह गठबंधन के उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में उतरेंगे और भाजपा को चुनाव में कड़ी चुनौती देंगे। इस सीट पर समाजवादी पार्टी से बसपा के मौजूदा सांसद फजर्लुरहमान कुरैशी प्रबल दावेदार माने जा रहे थे। फजर्लुरहमान कुरैशी ने बताया कि गठबंधन में यह सीट अखिलेश यादव ने कांग्रेस पार्टी को दे दी है और वह इस बार चुनाव नहीं लड़ेंगे। हालांकि अखिलेश यादव चाहते थे कि कांग्रेस पार्टी उन्हें चुनाव लड़ाए लेकिन कांग्रेस पार्टी इसके लिए तैयार नहीं हुई। इमरान मसूद का यह लगातार तीसरा लोकसभा चुनाव होगा। 2014 में उनके और भाजपा के बीच कड़ा मुकाबला हुआ था। इमरान मसूद ने चार लाख से ज्यादा वोट लेकर भाजपा को कड़ी टक्कर दी थी।
भाजपा के राघव लखनपाल शर्मा चुनाव जीते थे।2019 के चुनाव में फजर्लुरहमान कुरैशी सपा-बसपा-रालोद गठबंधन के उम्मीदवार थे। उन्होंने पांच लाख से ऊपर वोट प्राप्त किए थे। कांग्रेस अलग लड़ी थी। उसके उम्मीदवार इमरान मसूद ने दो लाख दस हजार वोट प्राप्त किए थे। भाजपा के राघव लखनपाल शर्मा करीब पौने पांच लाख वोट ले पाए थे और उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा था। मौजूदा बसपा सांसद के अपनी पार्टी से अलग हो जाने के कारण बसपा ने पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष के पति माजिद अली को सहारनपुर लोकसभा का प्रभारी बनाया है। बसपा जिलाध्यक्ष जनेश्वर प्रसाद ने आज बताया कि बहन जी माजिद अली को ही उम्मीदवार बनाएंगी। भाजपा जिलाध्यक्ष डा. महेंद्र सैनी के मुताबिक पिछले दो चुनाव लड़ने वाले लोकप्रिय नेता राघव लखनपाल शर्मा के ही इस बार चुनाव में उतारे जाने की प्रबल संभावना है। यहां कोई अन्य दमदार व्यक्ति टिकट की दावेदारी भी नहीं कर रहा है। इमरान मसूद को बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है।
यह माना जा रहा है कि पिछले तीन चुनाव लड़ने वाले राघव लखनपाल शर्मा और इमरान मसूद एक बार फिर से आमने-सामने हो सकते है। सहारनपुर लोकसभा सीट पर 39 फीसद यानि छह लाख से ऊपर मुस्लिम मतदाता हैं। इमरान मसूद ने बताया है कि चंद्रशेखर की आजाद समाज पार्टी के नेता चंद्रशेखर का समर्थन भी उन्हें प्राप्त रहेगा। जिससे दलितों में भी अच्छा समर्थन प्राप्त होगा। इमरान मसूद के मुताबिक दलित नेता चंद्रशेखर नगीना सुरक्षित सीट से गठबंधन के उम्मीदवार हो सकते हैं। ध्यान रहे सहारनपुर की दूसरी लोकसभा सीट कैराना पर समाजवादी पार्टी दिवंगत सांसद मुनव्वर हसन की बेटी इकरा हसन को अपना उम्मीदवार घोषित कर चुकी है। इस सीट से भाजपा के मौजूदा सांसद प्रदीप चौधरी की उम्मीदवारी भी करीब-करीब तय है।